Tuesday, February 20, 2018
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Exclusive: सरकार के खिलाफ शिक्षाकर्मियों की बड़ी जीत

bilaspur highcourt order

बिलासपुर। प्रदेश के शिक्षाकर्मियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दरअसल शासन द्वारा 2011 में लागू किए गए एस्मा प्रकरण में हाईकोर्ट से जीत दर्ज कर ली है और 95 शिक्षाकर्मियों के खिलाफ दर्ज एस्मा प्रकरण अब खत्म हो गया है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद इसे खत्म किया गया है। माह नवंबर 2011 में शिक्षाकर्मी संघों के द्वारा किए गए हड़ताल के दौरान सरकार ने हड़ताल को खत्म करने के लिए एस्मा लागू कर दिया था और उसके बाद शिक्षाकर्मियों की धरपकड़ करते हुए जेल भी भेजा दिया था। बाद में शिक्षाकर्मियों को जेल से तो उनके लिखित वादे के बाद छोड़ दिया गया था। लेकिन सरकार ने आज तक एस्मा प्रकरण समाप्त नहीं किया था। यही कारण है कि समय-समय पर शिक्षाकर्मियों को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे थे और इसे लेकर शिक्षाकर्मी काफी परेशान थे, दूरदराज के इलाकों के शिक्षाकर्मियों को एस्मा प्रकरण की पेशी में राजधानी रायपुर आना पड़ता था जो उनके लिए परेशानी का सबब था। जिससे अब उन्हें छुटकारा मिल गया है। शिक्षाकर्मी संघ इस एस्मा प्रकरण को खत्म कराने के लिए शासन प्रशासन को कई बार लिखित रूप से ज्ञापन सौंप चुके थे और साथ ही अपने मांग पत्र में भी हर बार इसका जिक्र करते थे पर उन्हें राहत शासन-प्रशासन से नहीं बल्कि न्यायपालिका से मिली है।

2011 का है मामला

दरअसल 2011 में शिक्षाकर्मियों ने माह नवंबर में शासन के विरुद्ध आंदोलन का बिगुल फूंका था। लेकिन उनके आंदोलन के पूर्व ही सरकार ने चर्चा के दौरान उनकी मांगों को मानते हुए और आदेश जारी करते हुए उन्हें 11 बिंदुओं में मांगो के पूर्ति की सौगात दी थी, इसके बावजूद आदेश जारी होने के अगले ही दिन 2 नवंबर से शिक्षाकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दिया था। जिससे नाराज होकर शासन प्रशासन ने शिक्षाकर्मियों पर एस्मा प्रकरण ला दिया था और यह नाराजगी ही प्रमुख वजह थी जिसके चलते शासन ने अपने स्तर पर कभी भी इस प्रकरण को खत्म करने में कोई रुचि नहीं दिखाई यहां तक की वर्तमान में आंदोलन से पूर्व सचिव स्तरीय वार्ता में भी शिक्षाकर्मी संघ के नेताओं ने एस्मा प्रकरण को खत्म करने की गुहार लगाई थी लेकिन उसके बाद भी शासन प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया।

एस्मा के विरुद्ध न्यायालय पहुंचे थे वासुदेव पाण्डेय

सरकार ने जैसे ही शिक्षाकर्मियों पर एस्मा प्रकरण लगाया बिलासपुर में कार्यरत शिक्षाकर्मी वासुदेव पाण्डेय जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री हैं। इन्होंने सरकार के इस आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में अधिवक्ता अमृतों दास के माध्यम से याचिका दायर कर दी थी और शासन के इस आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि जब शासन शिक्षाकर्मियों को शासकीय कर्मचारी मानती ही नहीं है तो फिर उन पर एस्मा प्रकरण कैसे लागू कर सकती है। और यदि एस्मा प्रकरण लागू कर रही है तो फिर शिक्षाकर्मियों को शासकीय कर्मचारी माना जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था। लेकिन राज्य सरकार ने कभी भी अपना पक्ष नहीं रखा न्यायालयीन नियमों के अनुसार सरकार को इस विषय में अपना पक्ष रखने के लिए बार-बार समय दिया गया लेकिन उसके बाद भी सरकार के द्वारा इस विषय में जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। जिस के बाद न्यायालय ने इस  प्रकरण में अपना फैसला सुनाते हुए शिक्षाकर्मियों पर लगे एस्मा को समाप्त कर दिया और कहा कि एस्मा का प्रकरण 6 माह रहता है और उसके बाद स्वत: समाप्त हो जाता है।

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