Monday, June 18, 2018
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नवीन शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव को महंगा पड़ा शिक्षाकर्मियों के लिए संघर्ष करना

Girish sahu education worker

दुर्ग। नवीन शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव गिरीश साहू को तीन साल बाद भी जनगणना कार्य का वेतन नहीं मिल पाया है। दरअसल 2014 में हुए जनगणना कार्य करने के लिए पूरे प्रदेश से शिक्षाकर्मियों को जिम्मेदारी सौपा गई थी। जिसमें पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों द्वारा ईमानदारी से कार्य सम्पन्न किया। काम पूरा होने के 5 माह बाद समस्त जनगणना कार्य करने वाले शिक्षाकर्मियों को 1500 रुपए मानदेय का भुगतान कर दिया गया। लेकिन धमधा विकासखण्ड मे कार्यरत नवीन शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ के महासचिव गिरीश साहू को शिक्षाकर्मियों के हीत में संघर्ष करना महंगा पड़ गया। क्योकि 2014 में किए जनगणना कार्य का मानदेय आज तक नहीं मिल पाया है। आपको बात दें गिरीश साहू को चुनाव के समय रिजर्व दल में भी रखा गया था। जिसका भी मानदेय आज तक नहीं मिला है। इस सम्बन्ध मे तहसील कार्यालय के अधिकारियो व कर्मचारियों से बात करने पर जल्दी ही मानदेय देने की बात कहते है। और ऐसा कहते-कहते तीन साल बीत गए है।

नवीन शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ के महासचिव गिरीश साहू ने बताया कि तहसील कार्यालय में अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गया हूं। क्योकि धमधा ब्लॉक समेत पूरा छत्तीसगढ़ में 1500 रुपए जनगणना का मानदेय 2014 के अंत तक सबको मिल चुका है। और मुझे छुमाया जा रहा है।

नवीन शिक्षाकर्मी संघ के दुर्ग जिला अध्यक्ष संजीव मानिकपुरी ने बताया कि बार-बार बात करने के बाद भी आज तक गिरीश साहू को मानदेय का राशि नहीं मिलना बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। और इसका सीधा कारण है कि गिरीश साहू की ईमानदारी पूर्वक कार्य करना, ब्लॉक व जिले में आर्थिक लेनदेन के खिलाफ मोर्चा खोलना, शिक्षाकर्मियों के हित में सतत प्रयास करना आदि मामलों को लेकर प्रदर्शन किया था। जिसकी वजह से उनका मानदेय रोका गया है। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की शिकायत जिला कलेक्टर से मिलकर करेंगे।

 

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