रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज तीसरे दिन की कार्यवाही खत्म हुई। अब केवल दो दिन बचा है जिसको विपक्ष पूरी तरह से सरकार को घेरना चाहती है। अनुपूरक बजट पास होने के बाद आखिरी दो दिन में अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष सदन में ला सकती है। वहीं सरकार को अपने ही विधायकों से डर सताने लगी है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के कई विधायक सरकार के रवैये और उनके कामकाज से नाराज है। यहीं वजह है कि आज अचानक मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अपने मंत्री-विधायकों और सभी विभाग के सचिवों के साथ गोपनीय बैठक करनी पड़ी।
दरअसल बुधवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रणनीति बनाई। रमन सरकार ने विपक्ष के लिए जवाबी रणनीति तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 6 मंत्री, 3-4 बीजेपी विधायक, मुख्य सचिव, जेल और गृह विभाग के डीजी और सभी विभाग के सचिवों के साथ रायशुमारी कर रणनीति तैयार की गई। विपक्ष के आरोपों का आक्रामक ढंग से जवाब देने के लिए चेहरे भी तय कर लिए गए हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर जिन छह मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें नगरीय प्रशासन और आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर, पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत, स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले शामिल हैं। सभी मंत्रियों को उनके विभागों से जुड़े आरोपों पर जवाब देने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं बीजेपी विधायकों में शिवरतन शर्मा, देवजीभाई पटेल को भी जिम्मेदारी दी गई है। अविश्वास प्रस्ताव पर जवाबी रणनीति तैयार करने बुलाई गई इस बैठक में सभी विभागों के सचिवों को भी शामिल किया गया था। मुख्य सचिव अजय सिंह, गृह और जेल विभाग के डीजी और सभी विभाग के सचिवों से कई मुद्दों पर अहम जानकारी मांगी गई है। वहीं सभी सचिवों से संभावित आरोपों के क्या जवाब सदन में दिया जा सकता है? इसे लेकर चर्चा भी की गई। यह बैठक इतनी गोपनीय थी कि वहां मंत्री, विधायक और अधिकारियों के अलावा किसी को भी कमरे में मौजूद रहने की अनुमति नहीं थी। अब देखने होगा इस बैठक से सदन में मंत्री विधायका कितना जवाब दे पाते है।