Thursday, March 22, 2018
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तृतीय लिंग समुदाय के उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ बना रोल मॉडल, गुजरात में भी तैयार किया जाएगा यूनिक प्लान, 8 सदस्यीय दल पहुंचा दुर्ग

Social welfare minister ramsheela sahu

दुर्ग तृतीय लिंग समुदाय के उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे कार्यों की अब राष्ट्रीय स्तर सराहना हो रही है। यहीं वजह है अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे  तृतीय लिंग के कार्यों को समझने के लिए दूसरे प्रदेश से अधिकारी पहुंच रहे है। इसी कड़ी में समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू से मुलाकात करने गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों और तृतीय लिंग समुदाय के 8 सदस्यीय दल छत्तीसगढ़ पहुंचे। गुजरात सरकार के इस प्रतिनिधि मंडल ने आज समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू से उनके दुर्ग स्थित निवास पर मुलाकात की।

उल्लेखनीय है कि यह दल छत्तीसगढ़ में तृतीय लिंग समुदाय के उत्थान के लिए किये जा रहे कार्यों का अध्ययन करने के उद्देश्य से 19 मार्च से 23 मार्च तक छत्तीसगढ़ प्रवास पर है ताकि गुजरात में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर तृतीय लिंग समुदाय के उत्थान के लिए कार्ययोजना तैयार की जा सके। इस दल ने अब तक रायपुर और दुर्ग जिले में विभिन्न कार्यालयों और तृतीय लिंग समुदाय के व्यक्तियों से भी मुलाकात की है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा तृतीय लिंग समुदाय की दैनिक स्थिति में सुधारने, समाज में उचित स्थान दिलाने और इनको विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में तृतीय लिंग समुदाय को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 40-40 लाख रुपए का बजट प्रावधान किया गया था और आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए भी 40 लाख रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य स्तरीय सर्वे के माध्यम से वर्तमान में प्रदेश में तृतीय लिंग समुदाय के 02 हजार 808 व्यक्तियों को चिन्हांकित किया गया है। और इनमें से 704 व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किया जा चुका है। जिससे इस समुदाय के लोग प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में अब तक इस समुदाय के 109 व्यक्तियों को आधार कार्ड, 68 व्यक्तियों को राशन कार्ड, 11 व्यक्तियों को मतदाता पहचान पत्र, 29 व्यक्तियों को श्रमिक कार्ड प्रदान किया जा चुका है। साथ ही 56 व्यक्तियों को विभिन्न आवासीय योजनाओं के तहत आवास, 38 व्यक्तियों को कौशल विकास योजना के तहत और 04 व्यक्तियों को ऋण योजना का लाभ दिलाया जा चुका है। वर्ष 2015 में प्रदेश में लिंग परिवर्तन की शल्य चिकित्सा की सुविधा उलब्ध करायी गयी है। और अब तक तृतीय लिंग समुदाय के 05 व्यक्तियों को इसका लाभ दिलाया जा चुका है। समाज कल्याण के अधिकारियों से मिली अद्यतन जानकारी के मुताबिक दुर्ग जिले में इस समुदाय के 51 व्यक्तियों का चयन कौशल विकास योजना के तहत, 55 व्यक्तियों का श्रम विभाग में पंजीयन और 04 व्यक्तियों को ऋण योजना के लिए पंजीकृत किया गया है इनको जल्द ही लाभान्वित किया जायेगा। इसी प्रकार रायपुर जिले में 27 व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराया जाना प्रक्रियाधीन है। राज्य सरकार की प्रशासनिक और व्यवहारिक क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त करने के किये पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात लगातार समाज कल्याण विभाग के संपर्क में है। साथ ही यूनिसेफ और युएनडीपी जैसी संस्थाएं भी समय-समय पर राज्य में संचालित गतिविधियों का अवलोकन करती रहती हैं। समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू की अध्यक्षता में तृतीय लिंग समुदाय के व्यक्तियों के पुनर्वास एवं अधिकारों के संरक्षण के लिए राज्य स्तर पर ‘तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड’ और जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में तृतीय लिंग कल्याण समिति का गठन किया गया है। साथ ही योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से टास्क फ़ोर्स का भी गठन किया गया है।

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