रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज प्रदेश का 18वां बजट पेश किया है। इस बजट में प्रदेश वासियों को कई सौगात दी है। लेकिन छत्तीसगढ़ का एक ऐसा बड़ा वर्ग जिनके लिए फिलहाल इस बजट में कुछ नहीं मिल पाया है। यहीं वजह है कि एक बार फिर प्रदेश के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों को निराशा हाथ लगी है।
बहरहाल शिक्षाकर्मियों को अभी अपनी मांगों को लेकर थोड़ा इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर मुख्य सचिव की कमेटी की सिफारिश के बाद सरकार विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीफ सिकरेट्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर हर बिंदु पर विचार कर रही है। आज शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर सरकार ने कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है।
क्या कहना है शिक्षाकर्मी नेताओं का
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ पंचायत एंव नगरीय निकाय संघ के प्रदेश संचालक विरेंद्र दुबे ने कहा इस बजट में प्रदेश के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों को निराशा हुई है। हमें काफी उम्मीद थी इस बजट में कि शिक्षाकर्मियों के लिए एक बड़ी राशि बजट में शामिल किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होने से निश्चित तौर पर निराशा तो हुई है। वहीं संदेश भी हो रहा है कि सरकार ने शिक्षाकर्मियों के लिए कोई अलग से बजट राशि क्यो नहीं शामिल किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि अभी भी उम्मीद खत्म नहीं हुई है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है। अभी कमेटी की रिपोर्ट से पूरी उम्मीद है कि हमारी मांगे पूरी हो जाएगी।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के साथ प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बजट बहुत ही लोकलुभावन है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायक, मितानिन, रोजगार सहायक, जिला /जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यो सबका मानदेय बढ़ाने का जो प्रस्ताव किया है बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। शिक्षाकर्मियों को शुरू से ही विश्वास था की हमारे सम्बन्ध मे शायद ही कोई घोषणा हो और वो सही साबित हुआ कमेटी के निर्णय के बाद ही कुछ ठोस रिजल्ट शिक्षाकर्मियों के पक्ष में आ सकता है। कुल मिलाकर शिक्षाकर्मियों के लिए बजट निराशाजनक रहा फिर भी अभी विधान सभा सत्र चल रहा मुख्यमंत्री जी से निवेदन है की एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी 20 वर्षो की इंतजार स्कूल शिक्षा विभाग मे आठ वर्ष के बन्धन को समाप्त कर संविलियन की घोषणा सभी वेतन विसंगति को दूर करते हुए करेंगे।