रायपुर। 102 और 108 कर्मचारी कई दिनों से हड़ताल पर है। आमरण अनशन पर होने की वजह से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। इसी दौरान आज शनिवार को सात कर्मचारियों की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें मेकाहारा में एडमिट किया गया है।
इन सबके बीच अस्पताल प्रबंधन का गैर जिम्मेदाराना हरकत सामने आई है। एंबुलेंसकर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अस्वस्थ कर्मचारियों को बेड से हटाकर जमीन पर कर दिया गया है और आपत्ति करने पर कहा जा रहा है कि ‘जब आमरण अनशन मरने के लिए किया है तो मरो’। दूसरी ओर पिछले 34 दिनों से जारी हड़ताल और 3 दिन से जारी आमरण अनशन के बीच भी इन कर्मचारियों का हौसला कम नहीं हुआ है।
उनका कहना है कि भले ही मौत आ जाए पर ये सरकार के सामने नहीं झुकेंगे। ज्ञात हो कि 102, 108 एंबुलेंस सेवाओं का टेंडर GVK कंपनी के पास है। कर्मचारी कंपनी से टेंडर वापस लेकर एंबुलेंस सेवा को सरकारी करने की मांग पर डटे हुए हैं। इसके साथ ही वेतनमान में वृद्धि, काम के समय का निर्धारण जैसी अन्य मांगें भी हैं।
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से भी मुलाकात की पर सारी कोशिशें बेनतीजा रही। सरकार ने अभी तक उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। देखना होगा कि आने वाले समय में आंदोलन का क्या असर होता है।