रायपुर। पुलिस परिवार के प्रदेशभर में चल रहे आंदोलन के बीच छत्तीसगढ़ के DGP एएन उपाध्याय मीडिया के सामने खुलकर आए। आज इस प्रदर्शन को लेकर डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस ली। खुले तौर पर उन्होंने पुलिस आंदोलन को लेकर बात की और सारे सवालों के जवाब दिए। डीजीपी ने कहा कि राज्य बनने से लेकर अब तक पुलिस की हर मांग को पूरा किया गया है। बिना आंदोलन के जरूरतें पूरी होती रही हैं, आगे भी होती रहेंगी। पुलिस का काम है अनुशासन में रहना। समाज उससे अनुशासन हीनता की अपेक्षा नहीं रखता। आगे कहा कि इस आंदोलन को कुछ रिटायर अधिकारी हवा दे रहे हैं, जिससे पुलिस की बदनामी हो रही है। उपाध्याय के मुताबिक पुलिस का काम अनुशासन करना है, अनुशासनहीनता की उम्मीद उनसे समाज नहीं करता है।
पुलिस में जो भी आता है उसे प्रशिक्षण के बाद अनुशासन सिखाया जाता है। मगर कुछ लोग रिटायर होने के बाद ये अनुशासन भूल जाते हैं। मुझे खुशी है इस बात, कि हमारे पुलिस जवान और अधिकारी अनुशासन का पालन कर रहे है। लेकिन कुछ रिटायर्ड अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों के बहकावे में आकर कुछ ऐसा कार्य कर रहे हैं जिससे पुलिस की बदनामी हो रही है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं, कि यह बहकावे की कार्रवाई जो भी कर रहे हैं, वह अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं |
प्रदेश जब बना तो 22 हज़ार पुलिस बल था। लेकिन अब यह 70 हज़ार है। यह किसी आंदोलन के कारण नही बढ़ा। मूख्यमंत्री जब भी ग्राम सुराज शुरू करते हैं, सबसे पहले पुलिस कैम्प में जाते हैं। नक्सल क्षेत्र में पुलिस के कार्य में आसानी हो, उसके लिए जो साधन आवश्यक थे, सभी को पूरा किया गया। प्रदेश में नक्सल क्षत्रों में जितने हैलीकॉप्टर है, वह कहीं और नहीं है।
जो जवान भटक गए हैं , यानी की बहकावे में आ गए हैं, उनके लिए काउंसलिंग भी की जा रही है। कई भ्रमित परिवार भी समझ गए हैं कि उन्हें कुछ लोगों के द्वारा भ्रमित किया जा रहा है।