रायपुर। प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत काम करने वाले करीब 1 लाख से अधिक शिक्षाकर्मियों को 2 से तीन, कहीं कहीं तो 4 माह तक का वेतन लंबित है। जिससे प्रदेश के शिक्षाकर्मी राज्य सरकार के रवैये से नाराज है। इस नाराजगी को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की राजिव गांधी शिक्षा मिशन के संचालक ने एक माह का वेतन जारी किया है। वहीं शिक्षाकर्मियों का कहीं 3 माह तो कहीं 4 माह का वेतन लंबित है। और विभाग ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षाकर्मियों के लिए केवल दिसंबर माह का वेतन आवंटन जारी किया है जो कि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
फरवरी गुजरने को है और अभी दिसंबर का आवंटन जारी हुआ है यानी सीधी सी बात है जनवरी-फरवरी के वेतन के लिए शिक्षाकर्मियों को फिर से इंतजार करना पड़ेगा शिक्षाकर्मी पूर्व में ही इसके विरोध में होली न मनाने की घोषणा कर चुके हैं।
क्या कहना है शिक्षाकर्मी नेताओं का
संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा का कहना है कि हमारे संगठन के ब्लॉक इकाई ने पूर्व में ही 25 तारीख तक वेतन का भुगतान ना होने पर बीईओ कार्यालय के घेराव की घोषणा कर रखी है। जो कि यथावत है विभाग को शिक्षाकर्मियों के अब तक लंबित वेतन का भुगतान करना चाहिए। इसके बजाय केवल दिसंबर माह का वेतन भुगतान करना शिक्षाकर्मियों की समस्याओं का निदान नहीं है वेतन के अभाव में शिक्षाकर्मी साथी बहुत परेशान हैं। विभाग को उनके पूरे लंबित वेतन के लिए आवंटन राशि जारी करना चाहिए तभी उनकी समस्या का निराकरण हो सकेगा।
छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फरवरी माह गुजरने को है और 4 दिन बाद होली जैसा बड़ा त्यौहार है और वेतन भुगतान के लिए तमाम प्रयासों के बावजूद केवल दिसंबर माह का वेतन जारी करना शिक्षाकर्मियों को और आक्रोशित करने वाला कदम है। विभाग को माह फरवरी तक के लिए आबंटन राशि जारी करना चाहिए था। विभाग का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता की ओर तो है पर शिक्षक की गुणवत्ता से उसे कोई लेना देना नहीं है यह इससे साफ परिलक्षित होता है, यदि आप शिक्षकों को समय पर वेतन भी नहीं दे पाएंगे। तो फिर वह शिक्षक अपने परिवार को भूखा रखकर और कर्ज में दबकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कहां से दे पाएंगे। विभाग शिक्षाकर्मियों के वेतन की लंबित राशि शीघ्र अति शीघ्र जारी करें अन्यथा शिक्षक रोड पर आने को मजबूर हो जाएंगे।