नई दिल्ली। राज्यसभा में असम एनआरसी पर चर्चा चल रही है। एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सदन में विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। अमित शाह ने कहा कि, कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहती है। कांग्रेस में एनआरसी को लागू करने की हिम्मत नहीं थी। हमने इस लागू करने का साहस दिखाया। अमित शाह के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा शुरु हो गया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। 10 मिनट पर सदन फिर से शुरू हुआ तो सांसदों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद सदन को कल तक लिए स्थगित कर दिया गया।
अमित शाह ने एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। शाह ने कहा कि, यही समझौता NRC की आत्मा थी। इस समझौते में यह प्रावधान था कि अवैध घुसपैठियों को पहचानकर उनको सिटीजन रजिस्टर से अलग कर एक नेशनल रजिस्टर बनाया जाएगा। कांग्रेस के पीएम ने यह समझौता किया लेकिन यह पार्टी इसे लागू नहीं कर सकी। हममे हिम्मत थी और इसलिए हमने इसपर अमल किया।’
अमित शाह ने कांग्रेस सवाल पूछा कि वह क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहती है? अमित शाह के बयान पर विपक्ष का जोरदार हंगामा किया और राज्यसभा में नारेबाजी करने लगे। नागरिकता विवाद पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, जाति, धर्म की बात नही, बात मानवाधिकार की है। सरकार साबित करे कि वो नागरिक नहीं हैं। 40 लाख बहुत बड़ी संख्या होती है, सरकार कानूनी मदद दिलाए, वोट के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए, इसका असर दूरगामी होगा।