Tuesday, December 11, 2018
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शिक्षा विभाग में प्रवेश के साथ ही हुआ भेदभाव से सामना, आदेश से नाराज संविलियन प्राप्त शिक्षकों ने खोला मोर्चा

Conflicts with discrimination in the education department, Angered by the order

रायपुर। 1 जुलाई से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में पदार्पण हो चुका है और उन्हें व्याख्याता, सहायक शिक्षक और शिक्षक पदनाम शासन ने नवाजा है इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव गौरव द्विवेदी स्पष्ट आदेश भी जारी कर चुके हैं साथ ही जिन शिक्षाकर्मियों का सेवाकाल 8 वर्ष से कम है उन्हें भी हर साल शिक्षा विभाग में संविलियन करने का आदेश पत्र जारी हो चुका है लेकिन विभाग में  प्रवेश करते ही जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जो पहला आदेश कोंडागांव से इन शिक्षकों के लिए जारी हुआ है उसने इनमें रोष भर दिया है । जिन शिक्षाकर्मियों को 23 साल के कड़े परिश्रम के बाद शासन ने संविलियन की सौगात दी है और जिनके लिए स्वयं मुख्यमंत्री ने कहा है कि शिक्षाकर्मियों का प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में अमूल्य योगदान है और उनके इस योगदान को मैं नमन करता हूं उनके लिए एससीईआरटी के निर्देशानुसार प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए जारी किए गए आदेश में कोंडागांव जिला शिक्षा अधिकारी ने पदनाम के साथ एलबी शब्द का उपयोग किया है और यही शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है क्योंकि उनका स्पष्ट कहना है की एलबी शब्द का उपयोग केवल उनके संवर्ग को निर्धारित करने के लिए प्रशासन के द्वारा उपयोग में लाया गया है ताकि संविलियन के लिए किसी प्रकार की कोई कानूनी पेचीदगी उत्पन्न न हो और  प्रदेश में अब एजुकेशन, ट्राइबल और एल बी कैडर शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं लेकिन जब एजुकेशन और ट्राइबल के शिक्षकों के लिए ऐसे आदेश जारी करते समय उनके कैडर का उल्लेख नहीं किया जाता तो फिर हमारे लिए आदेश जारी करते समय कैडर का उल्लेख क्यों किया जा रहा है और यह भेदभाव क्यों ?

किसी भी प्रशिक्षण आदेश में गैरजरूरी रूप से कैडर का उल्लेख नहीं होना चाहिए क्योंकि शिक्षक के नाम और  स्कूल नाम के साथ ही यह स्पष्ट हो जाता है कि किस शिक्षक के लिए यह आदेश निकाला गया है ऐसे में जानबूझकर पदनाम के साथ कैडर का उल्लेख करना हमारे सम्मान के साथ खिलवाड़ है जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जिस की कोशिश जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई है।

sanjay sharma

शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा का कहना है कि शासन द्वारा शिक्षाकर्मियों के शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान को देखते हुए उन्हें संविलियन की सौगात दी गई है और शासन-प्रशासन दोनों यह स्पष्ट कर चुके हैं कि शिक्षाकर्मी अब  स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक हैं और उनका पदनाम व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक है । एलबी केवल उनके संवर्ग को निर्धारित करने के लिए शासकीय व्यवस्था के तहत बनाया गया है किंतु यह पदनाम का हिस्सा नहीं है ऐसी स्थिति में जानबूझकर आदेश जारी करते समय एलबी शब्द को जोड़ना गलत मानसिकता का परिचायक है जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं  जो ऐसी मानसिकता के साथ आदेश जारी कर रहे हैं ।

शिक्षक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने बताया कि प्रदेश के माननीय मंत्री और उच्च अधिकारियों ने भी बार बार यह बताया है कि प्रदेश में अब शिक्षकों के 3 संवर्ग हैं एजुकेशन , ट्राइबल और एल बी, लेकिन इसके अंतर्गत कार्य करने वाले सभी शिक्षक एक समान है। ऐसे में जब एजुकेशन और ट्राइबल के शिक्षकों के लिए आदेश जारी करते समय उनके पदनाम के साथ एजुकेशन या ट्राइबल शब्द नहीं जोड़ा जाता तो फिर हमारे पदनाम के साथ एलबी जोड़कर आदेश क्यों जारी किया गया ,  इसका हम विरोध करते हैं और हमारी स्पष्ट मांग है कि प्रदेश में जब शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है तो आदेश जारी करते समय भी हमें वही मान सम्मान मिलना चाहिए जो सरकार ने संविलियन के जरिए हमें प्रदान किया है।

2 thoughts on “शिक्षा विभाग में प्रवेश के साथ ही हुआ भेदभाव से सामना, आदेश से नाराज संविलियन प्राप्त शिक्षकों ने खोला मोर्चा

  1. बंधुओं,
    शिक्षा विभाग में केवल दो कैडर (संवर्ग) है:
    इ- संवर्ग
    टी-संवर्ग
    इनमें जो शिक्षाकर्मी शिक्षा विभाग(इ )अन्तर्गत आते हैं उनके लिए इ-एलबी व जो ट्राईबल के हैं उनके लिए टी एलबी शब्द प्रयोग किया है पदनाम में नहीं लिखना है
    जो क़ोई ऐसा करता है सबक सिखाना चाहिए

  2. शिक्षकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे

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