भिलाई नगर। वो महज मेरा बेटा ही नहीं बल्कि मेरे कलेजे का टुकड़ा था। उसे देखकर ही मैं जिंदा रहता था। लेकिन मेरे अपने सगे बेटे शम्भू ने ही उसका अपहरण कर लिया और वो कल से गायब है। मेरे बेटे को पकड़कर जेल में बंद कर दीजिए। इतना कहते हुए उसकी आंखों मे पानी आ गए।
दरअसल यह मानवीय संवेदना से भरी एक कहानी है। इस्पात नगरी के सेक्टर 1 के रहने वाले छोटे लाल की। छोटे लाल ने बड़े लाड़ प्यार से उस मुर्गे को पाला था। 2 साल से उसे मुर्गे से दिल्लगी हो गई थी। प्यार इतना अटूट की, वो मुर्गा इंसानी भाषा समझने लगा था। अपने बेटे से भी बढ़कर उस मुर्गे को छोटे लाल ने प्यार दिया था, लेकिन उसका शराबी बेटा घर से 5 हजार रुपये ओर उस जिगर के टुकड़े मुर्गे को लेकर फरार हो गया। जी हां, फरार। जब छोटे लाल को ये पता चला कि शम्भू पैसे के साथ मुर्गा भी ले गया तो वो परेशान हो गया। उसने पुलिस को कहा कि उसे 5 हजार नहीं चाहिए लेकिन उसे उसका मुर्गा चाहिए। प्रार्थी छोटेलाल की शिकायत पर भट्टी पुलिस ने उसके पुत्र शम्भू के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है।