रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित आदिवासी बहुल दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में जैविक खेती के जरिए हो रही हरित क्रांति के लिए वहां के किसानों की तारीफ की है। प्रदेश में परम्परागत तरीके के साथ-साथ जौविक खेती की ओर किसानों का बढ़ता रुझान हरित क्रांति में एक नया अध्याय जोड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, दंतेवाड़ा जिले का ‘आदिम‘ ब्राण्ड चावल अब पूरे देश में प्रसिद्ध हो रहा है। दंतेवाड़ा जिले के किसानों ने ‘भूमगादी‘ नामक कम्पनी बनायी है। जैविक खेती करने वाले किसानों के स्वसहायता समूहों को इससे जोड़ा है। अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा किसान शेयर होल्डर के रूप में ‘भूमगादी‘ कम्पनी से जुड़ गए है। किसानों द्वारा जैविक खेती के जरिए उत्पादित चावल को ‘आदिम‘ ब्राण्ड के नाम से बाजार में लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जतायी की ‘भूमगादी‘ किसान संगठन ने स्वयं के मिनी राइस मिल की भी स्थापना की है, जहां जैविक खेती के धान से चावल बनाया जा रहा है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, दंतेवाड़ा जिले के किसान जैविक खेती करते हुए धान के साथ-साथ दाल, कोदो और कोसरा जैसी उपज भी पैदा कर रहे हैं। देश के महानगरों में इन कृषि उपजों की भारी मांग हो रही है। उन्होंने कहा कि, नक्सल हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले में किसानों की मेहनत से अब हरित क्रांति का सपना तेजी से साकार हो रहा है। इसके फलस्वरूप उस जिले में नक्सलवाद का प्रभाव भी समाप्त होता जा रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ विधान सभा में दंतेवाड़ा जिले में हो रही जैविक खेती और वहां के किसानों द्वारा बनाये गये ‘भूमगादी‘ संगठन के माध्यम से तैयार किए जा रहे ‘आदिम ब्राण्ड‘ चावल की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में स्वसहायता समूहों के माध्यम से कड़कनाथ मुर्गे का व्यवसाय भी काफी चलने लगा है। इससे किसानों और ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक बेहतर जरिया मिला है।