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BREAKING: राज्य सरकार की हरी झंडी के बावजूद दोबारा नहीं खुले अधिकांश सिनेमाघर, सिनेमा उद्योग पर कोविड-19 की तगड़ी मार के बाद करों में राहत की मांग..

इंदौर, 14 जुलाई 2021। मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के नये मामलों में बड़ी कमी को देखते हुए सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता से दोबारा खोले जाने को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन नयी फिल्मों और दर्शकों के टोटे के कारण इनकी रौनक लौटने में अभी और समय लग सकता है।फिल्म वितरकों के संगठन सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन (सीसीसीए) के निदेशक ओपी गोयल ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘राज्य सरकार की हरी झंडी के बावजूद फिलहाल सूबे के 250 सिनेमाघरों में से इक्का-दुक्का सिनेमाघर ही दोबारा खुले हैं।’

गोयल ने बताया, ‘अभी राज्य के ज्यादातर सिनेमाघर मालिकों के पास नयी फिल्मों का अभाव है। बड़े सितारों वाली नयी फिल्में आने पर ही पर्याप्त तादाद में दर्शक आएंगे और सिनेमाघरों की रौनक लौटेगी।’उन्होंने बताया कि महामारी की बंदिशों के चलते करीब 16 महीने तक बंद रहने से सिनेमाघरों के बुनियादी ढांचे में मरम्मत की दरकार है। इस कारण भी कई सिनेमाघर दोबारा नहीं खुले हैं।

गोयल ने बताया कि मध्य प्रदेश के पड़ोसी गुजरात की राज्य सरकार ने जारी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सिनेमाघरों का संपत्ति कर पूरी तरह माफ कर दिया है। इसके साथ ही, सिनेमाघरों को बिजली बिलों के तय शुल्क (फिक्स्ड चार्ज) से भी छूट दी गई है यानी उन्हें मीटर रीडिंग के अनुसार वास्तविक बिजली खपत का बिल ही चुकाना होगा।उन्होंने कहा, ‘सिनेमा उद्योग पर कोविड-19 की तगड़ी मार के कारण हमारी मांग है कि गुजरात सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार को भी सिनेमाघर मालिकों को ये छूट देनी चाहिए।’

गोयल ने यह मांग भी की कि मध्य प्रदेश में एकल परदे वाले (सिंगल स्क्रीन) सिनेमाघरों के बुनियादी ढांचे में सुधार और इन्हें आधुनिक बनाए जाने के लिए इनके मालिकों को राज्य सरकार द्वारा रियायती ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया कराना चाहिए।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता और रेस्तरां को पूरी क्षमता से संचालित करने की अनुमति देने की सोमवार को घोषणा की थी।

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