Thursday, July 12, 2018
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कोरिया के आश्विन को मिली नई जिंदगी, मां ने दिया खुद की किडनी, मंत्री भईयालाल रजवाड़े की सक्रियता से और मुख्यमंत्री की पहल पर मिली मदद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री भईयालाल रजवाड़े की सक्रियता से आज एक चार के बच्चे को नई जिंदगी मिली है। दरअसल कोरिया के चार के बच्चे आश्विन साहू का सोमवार को नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलयारी सांइस में सफलतापूर्वक लिवर ट्रॉसप्लांट किया गया। बच्चे की मां सुनिता साहू ने अपने जिगर के टुकडे को बचाने के लिए खुद का एक लीवर ट्रॉसप्लांट के लिए दिया। बच्चे के माता-पिता सुनीता साहू और राजपाल साहू गांव में रोजी-मजदूरी करके जीवन-यापन करते हैं। अपनी आंखों के तारे को स्वस्थ देखकर आज वे काफी प्रसन्न हैं।

दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल और श्रम मंत्री भईयालाल राजवाड़े की सक्रियता के चलते केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से 14 लाख रूपए की आर्थिक मदद मिली। जिसके फलस्वरूप कोरिया जिले के रामपुर (पटना) गांव के रहने वाले एक गरीब श्रमिक परिवार के चार साल के बच्चे आश्विन को नयी जीवन मिल गई है। इस नन्हें बच्चे का लीवर ट्रॉसप्लांट आज नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एण्ड बिलयारी सांईस में सफलतापूर्वक किया गया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कर दिया था मजबूर, मिली 14 लाख की स्वीकृति

इस मासूम बच्चे के इलाज के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर आश्विन के नि:शुक्ल इलाज कराने का आग्रह किया था। इसके साथ मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर चर्चा भी की थी। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चे के लीवर ट्रॉसप्लांट के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि से 14 लाख रूपए धन राशि तत्काल मंजूर कर दी गई और यह राशि अस्पताल को दी गई।

मुख्यमंत्री ने तत्काल की थी डेढ़ लाख की आर्थिक सहायता

नन्हें बच्चे के माता-पिता सुनीता साहू और राजपाल साहू काफी गरीबी की हालत में गांव में जीवन-यापन कर रहे थे। बच्चे को जन्म से ही लीवर की बीमारी थी। डॉक्टरों ने जब उनके बेटे के लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत बताई तो भारी भरकम खर्च को लेकर वे काफी चिंतित हो गए। दिल्ली और लखनऊ के चक्कर लगाकर उनकी रही-सही पूंजी भी खत्म हो गई।

इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कुछ महीने पहले जब कोरिया जिले के प्रवास पर थे, तो इस गरीब माता-पिता ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए उनसे मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने संजीवनी कोष से बच्चे की प्रारंभिक डॉक्टरी जांच के लिए तत्काल एक लाख 50 हजार रूपए मंजूर कर दिए। डॉ. रमन सिंह ने बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण में मदद के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को तुरंत चिट्ठी लिखी। साथ ही उन्होंने श्रम मंत्री और बैकुण्ठपुर के विधायक भईयालाल राजवाड़े को बच्चे के इलाज के लिए आगे की कार्रवाई पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी। मंत्री भईयालाल राजवाड़े ने भी अपनी ओर से सक्रिय पहल करते हुए इस गरीब परिवार को दिल्ली में इलाज के लिए रहने की सुविधा दिलायी।

सुनीता और राजपाल साहू अपने बच्चे के इलाज के लिए दिल्ली के बसंत कुंज में किराए के मकान में लगभग ढाई महीने तक रहे हैं। आज हुए सफल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और श्रम मंत्री राजवाड़े ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बच्चे के स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना की है। डॉक्टरों के अनुसार लीवर प्रत्यारोपण के बाद बच्चे की दवाईयों आदि पर लगभग दस लाख रूपए का खर्च संभावित है। श्रम मंत्री भईयालाल राजवाड़े ने यह खर्च अपनी ओर से वहन करने की सहमति दी है।

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