Monday, March 19, 2018
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शिक्षाकर्मी मोर्चा के पदाधिकारियों की राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक, मोर्चा संचालक पूछेंगे सवाल.. क्या 1 माह बाद शिक्षाकर्मियों की मांग हो जाएगी पूरी..

education worker

रायपुर। शिक्षाकर्मियों की मांगो पर बनी कमेटी की अवधि 1 माह बढ़ाने के बाद आज राज्य सरकार के अधिकारियों और शिक्षाकर्मी मोर्चा के पदाधिकारियों को साथ अहम बैठक होगी। मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में बनी शिक्षाकर्मियों की इस कमेटी को 3 माह में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजना था लेकिन इसे 1 महिने के लिए और बढ़ा दिया गया है। आज मुख्य सचिव के साथ शिक्षाकर्मी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में रखी गई है। इस बैठक में शिक्षाकर्मी सरकार से कई सवाल पूछेंगे। सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या 1 महिने बाद कमेटी शिक्षाकर्मियों की मांगों पर फैसला ले पाएगी। इसके साथ ही कई सवाल शिक्षाकर्मियों के मन में है जो अधिकारियों से मिलने के बाद पूछे जाएंगे।

संविलियन और सांतवा वेतनमान होगा सबसे बड़ा मुद्दा

sanjay sharma

छत्तीसगढ़ पंचायत एवं नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि 16 मार्च को कमेटी के समक्ष संविलियन करने तथ्यात्मक मांग पत्र सौंपा जाएगा। संविलियन का पक्ष मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित कमेंटी की बैठक में प्रमुखता से रखा जाएगा। सबसे बड़ा मुद्द संविलियन और सांतवा वेतनमान का होगा।

संजय शर्मा ने बताया कि   समतुल्य वेतनमान के निर्धारण में हुए त्रुटि को रेखांकित करें। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम के तहत त्रुटि पूर्ण निर्धारण में सुधार कर क्रमोन्नति/ समयमान के आधार पर वेतन निर्धारण का पक्ष रखा जाएगा। समतुल्य वेतन के साथ देने के बाद कटौती किये गए जैसे आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, गतिरोध भत्ता, आदिवासी क्षेत्र का विशेष भत्ता में किये गए कटौती के सम्बंध में कमेटी के समक्ष भूतलक्षी प्रभाव से लाभ देने मांग रखा जाएगा।

वहीं समतुल्य में किये गए न्यूनतम पर निर्धारण के जगह 1.86 के गुणांक पर निर्धारण कर भूतलक्षी प्रभाव से लाभ देने का मांग किया जाएगा। दो वर्ष में एक वार्षिक वेतन वृद्धि निर्धारण की विसंगति से अवगत कराया जाएगा। 2006 से 2013 के बीच के काल्पनिक निर्धारण का वित्तीय लाभ देने पक्ष रखा जाएगा

तीन स्टेप बनाकर तथ्यात्मक दस्तावेज के साथ पक्ष रखने को तैयारी

मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने बताया कि समान कार्य हेतु समान वेतन के आधार पर 08 वर्ष का बंधन समाप्त करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से समस्त शिक्षक पंचायत एव निकाय संवर्ग को शिक्षा व आदिम जाति कल्याण विभाग में संविलियन /शासकीयकरण / सेवा हस्तांतरण करते हुए क्रमोन्नति वेतनमान पर सातवाँ वेतनमान दिया जावे।

इसके साथ ही समस्त शिक्षक संवर्ग के लिए दो स्तरीय क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान जारी किया जावे।

सहायक शिक्षक वर्ग को व्याख्याता, शिक्षक के अंतर के अनुपात में समानुपातिक वेतनमान दिया जावे।

अप्रशिक्षित शिक्षक संवर्ग के लिए प्रशिक्षण की पूर्ण व्यवस्था करते हुवे, वर्तमान में उन्हें नियमित करते हुवे समयमान वेतनमान व पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जावे साथ ही वेतनमान कटौती न किया जावे।

कैबिनेट निर्णय का पालन करते हुए शिक्षक संवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य,प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति किया जावे।

व्याख्याता, व्यायाम शिक्षक, उर्दू शिक्षकों के पदोन्नति के लिए प्रावधान बनाकर पद स्वीकृत किया जावे।

समग्र वेतन (मूल वेतन, मंहगाई भत्ता) में सीपीएफ कटौती और 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों की जीपीएफ कटौती किया जावे।

प्रदेश के अन्य कर्मचारियो और शिक्षकों के समान शिक्षक संवर्ग के लिए खुली स्थानांतरण नीति बनाया जावे।

टेट व डीएड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान कर न्यनतम योग्यता के अभाव में चतुर्थ वर्ग पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दिया जावे।

उपरोक्त मांगो पर भी तथ्य व सुझाव कमेटी के समक्ष रखा जाएगा

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