दुर्ग। कल मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में शराब की सामाजिक बुराई के खिलाफ जन-जागरण में महिलाओं की भूमिका की विशेष रूप से सराहना की है।
उन्होंने कहा है कि भारत माता वाहिनी और महिला कमाण्डो में शामिल महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के माहौल को कुछ इस तरह बदल दिया है कि अब कोचिए और शराबी दोनों किस्म के लोग घर से निकलने में डरने लगे हैं।
डॉ. सिंह ने कहा-ये महिला शक्ति का ही कमाल है कि प्रदेश में अवैध शराब की रोकथाम की दिशा में कोचिया बंदी को अच्छी सफलता मिली है। दुर्घटनाओं में कमी आई है।
डॉ. सिंह ने जिला मुख्यालय दुर्ग में महिला पुलिस स्वयं सेविका योजना ’चेतना’ के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस योजना के लिए चयनित स्वयं सेविकाओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए योजना की स्मारिका का भी विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने चयनित महिलाओं को योजना में उपयोग के लिए पुस्तिका आदि के किट भी दिए।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के लिए दुर्ग और कोरिया (बैकुण्ठपुर) जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। चयनित स्वयं सेविकाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शुभारंभ समारोह में कहा- छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से नारी सशक्तिकरण अभियान को लगातार कामयाबी मिल रही है। इन समूहों को स्कूली बच्चों के यूनिफार्म की सिलाई का काम भी दिया जा रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि लगभग 42 लाख स्कूली बच्चों के शालेय गणवेश सिलने का काम प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है।
महिला पुलिस स्वयं सेविका योजना के शुभारंभ समारोह में प्रदेश के उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू, गृह विभाग के संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय और दुर्ग के विधायक अरूण वोरा, अहिवारा के विधायक सांवलराम डाहरे, विधायक वैशालीनगर विद्यारतन भसीन, जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, महापौर दुर्ग चंद्रिका चंद्राकर सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एम.गीता, कलेक्टर उमेश अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक जी.पी. सिंह, पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला और अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।