अंडर 19 वर्ल्ड कप में भारत चौथी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गया है। इस मैच में भारत की ओर से मनजोत कालरा (101*) ने शानदार शतक बनाया। मनजोत के अलावा इस मैच में भारतीय गेंदबाजों का भी रहा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी को 216 रन पर ही समेट दिया। भारत ने रेकॉर्ड चौथी बार यह खिताब अपने नाम किया है।
मनजोत के शतक के अलावा हार्विक देसाई (40*), शुभमन गिल (31) और कप्तान पृथ्वी शॉ (29) ने बेहतरीन योगदान दिया। टीम इंडिया इस मैच में ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह हावी दिखी। राहुल द्रविड़ की कोचिंग में वर्ल्ड कप में उतरी टीम इंडिया पूरे टूर्नमेंट में अजेय रही उसे कोई भी टीम हरा नहीं पाई।
217 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत शानदार रही। कैप्टन पृथ्वी शॉ ने मनजोत कालरा के साथ पहले ओपनिंग विकेट के लिए 71 रन की साझेदारी की। पृथ्वी शॉ यहां विल सदरलैंड की बॉल पर बोल्ड हुए तो पारी को संभालने शुभमन गिल आ गए। उन्होंने मनजोत कालरा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 62 रन की साझेदारी की। 31 रन पर खेल रहे गिल को परम उप्पल ने बोल्ड कर दिया। यहां से भारत के विकेट कीपर बल्लेबाज हार्विक देसाई (47*) ने मनजोत के साथ भारत की विजयी लय को आगे बढ़ाया और भारत को 8 विकेट से जीत दिलाकर मैच और वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी कंगारू टीम 47.2 ओवर में 216 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया के लिए जोनाथन मेरलो ने (76) रन का योगदान दिया। उन्हें छोड़कर बाकी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए। भारत के लिए ईशान पोरेल, कमलेश नगरकोटी, शिवा सिंह और अनुकूल रॉय ने 2-2 विकेट अपने नाम किए, जबकि शिवम मावी ने एक विकेट लिया। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिख रही इस पिच पर भारत के लिए यह लक्ष्य मुश्किल नहीं होना चाहिए।
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को उसके ओपनर्स ने अच्छी शुरुआत देने की कोशिश तो की, लेकिन भारत ने उसे मजबूत स्थिति में पहुंचने नहीं दिया। टीम इंडिया नियमित अंतराल पर विकेट लेती रही और उसने कंगारू टीम पर दबाव बनाए रखा। मैच शुरू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 5 ओवर तक बिना कोई विकेट गंवाए 32 रन जोड़ लिए थे। तब 14 के निजी स्कोर पर खेल रहे मैक्स ब्रायंट मजबूत होते दिख रहे थे। अपने 14 रन के स्कोर तक पहुंचते-पहुंचते वह 3 चौके जड़ चुके थे। यहां अपने नए (तीसरे) ओवर की शुरुआत में ही ईशान पोरेल ने भारत को पहली सफलता दिलाई। उन्होंने ब्रायंट को कवर्स पर खड़े अभिषेक के हाथों कैच आउट कराया। 32 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को यह पहला झटका लगा।
इसके बाद दूसरे ओपनर जैक एडवर्ड (28) ने अपने कप्तान जैसन सांगा के साथ मिलकर 20 रन ही और जोड़े थे कि ईशान ने जैक को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका दे दिया। इस बार ईशान की बॉल पर कमलेश नगरकोटी ने कैच लपका। 10 ओवर के बाद पृथ्वी शॉ ने अपने दोनों गेंदबाजों को बदला और एक छोर से शिवा सिंह और दूसरे छोर से कमलेश नगरकोटी को बॉल थमाई। कमलेश नागरकोटि ने अपने पहले ही (मैच के12वें) ओवर में कैप्टन जैसन सांगा (13) को आउट कर कंगारू टीम को दबाव में ला दिया। इस तरह 59 रन जोड़ते-जोड़ते कंगारू टीम अपने 3 विकेट गंवा चुकी थी।
इस बीच जोनाथन मेरलो ने परम उप्पल के साथ टीम को संभाला। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 75 रन की साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को 100 रन के पार पहुंचा दिया। ये दोनों बल्लेबाज अपनी टीम को मजबूत स्थिति में ले जाते दिख रहे थे। तब इस साझेदारी को अनुकूल रॉय ने तोड़ा। 134 के स्कोर पर अनुकूल ने उप्पल (34) को चकमा दिया और अपनी ही गेंद पर कॉट एंड बॉल आउट कर दिया। परम के रूप में ऑस्ट्रेलिया को यह चौथा झटका था।
मेरलो ने एक बार फिर नाथन मैकस्वीनी के साथ 5वें विकेट के लिए की साझेदारी को 50 के पार पहुंचाया। लेकिन गेंद पर नजरें जमा चुके मैकस्वीनी (23) को शिवा सिंह ने अपना पहला शिकार बनाया। शिवा ने मैकस्वीनी को कॉट एंड बॉल आउट किया। इसके बाद क्रीज पर आए विल सदरलैंड (5) भी कुछ खास नहीं कर पाए और शिवा ने उन्हें विकेटकीपर हार्विक देसाई के हाथों आउट कराया। इस तरह शिवा ने अपने 10 ओवर में 36 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किए।
इसके बाद भारत ने कंगारू टीम के अंतिम 4 विकेट लेने में ज्यादा रन खर्च नहीं किए। छठे विकेट के बाद कंगारू टीम ऑल आउट होने तक महज 25 रन ही और जोड़ पाई। ऑस्ट्रेलिया के लिए अर्धशतक जमा चुके जोनाथन मेरलो ने अपनी टीम के लिए तेजी से कुछ और रन जोड़ने का प्रयास किया। इस बीच अनुकूल रॉय की एक बॉल पर वह रिवर्स शॉट खेल बैठे। यह गेंद हवा में जरूर गई, लेकिन बाउंड्री के पास खड़े शिवा सिंह ने उसे लपकने में कोई गलती नहीं की। मेरलो जब 7वें विकेट के रूप में आउट हुए तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 212 था। यहां से अगले 3 विकेट हासिल करने में भारत ने ज्यादा देर नहीं लगाई। अगली 11 गेंदों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया की पूरी पारी को समेट दिया।
पृथ्वी शॉ के नेतृत्व में इस टूर्नमेंट में खेल रही टीम इंडिया ने अभी तक शानदार खेल दिखाया है। वह अभी तक इस टूर्नमेंट में अजेय रही है।