बिलासपुर। पत्रकारिता में करियर बनाना है तो जिज्ञासा होना सबसे ज्यादा जरूरी है। पत्रकार बनने के लिये आस-पास में क्या हो रहा है इस पर नजर रखना सबसे जरूरी है। अखबार हो या टीवी पत्रकारिता दोनों में ही काम करने के लिये सामान्य ज्ञान बहुत ही अच्छा होना चाहिये। उक्त बातें करियर मार्गदर्शन शिविर में अखबारों के संपादकों ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं।
हरिभूमि के संपादक प्रवीण शुक्ला ने कहा कि पत्रकारिता में देखा-देखी ना आएं। सबकी क्षमताएं अलग होती हैं। यदि आपको लगता है कि आप इस क्षेत्र के लिये उपयुक्त हैं तभी मीडिया के लिये कोशिश करें। पत्रकारिता संस्थान अच्छा पैकेज देते हैं बस आपमें योग्यता होनी चाहिये। यदि आप में लेखन कला है तो आप अखबार में करियर बना सकते हैं। यदि आप में अच्छा बोलने का कौशल है तो टीवी पत्रकारिता में उपयुक्त हैं। लेकिन इन सबके अलावा आपको देश-दुनिया में क्या घटनाएं घट रही हैं उन सबसे अपडेट रहना जरूरी है।
नई दुनिया के संपादक डॉ सुनील गुप्ता ने कहा कि पत्रकारिता में बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। सुबह 10 बजे दिनचर्या शुरू होने के बाद रात 2 बजे तक चलती है। सिर्फ टीवी में दिखने वाला ग्लैमर ही पत्रकारिता नहीं है। बल्कि पत्रकारों को दिन-रात समाचार और उसकी सत्यता के लिये संघर्ष करना पड़ता है। उसके बाद ही कई चरणों से गुजरकर कोई खबर आप तक पहुंचती है। यदि आप इन सबके लिये तैयार हैं और आपमें आत्मविश्वास है तो आपका पत्रकारिता में स्वागत है। इस पेशे में सैलरी की कोई सीमा नहीं है। आपका हुनर आपको बेहतर पैकेज दिला सकता है। हमारे संस्थानों में अच्छे लोगों की बहुत आवश्यकता है। वो इसलिये क्योंकि आजकल लोग देखादेखी इस क्षेत्र में आने लगे हैं। जबकि पत्रकारिता प्रोफेशन से ज्यादा एक पैशन है।
पत्रिका के संपादक वरुण श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को मीडिया संस्थानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में बड़े मीडिया संस्थान हैं जो डिप्लोमा और डिग्री देते हैं। इनमें सबसे प्रमुख है आईआईएमसी जो दिल्ली में स्थित है। इसके अलावा भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय पत्रकारिता के विभिन्न कोर्स संचालित करता है। छत्तीसगढ़ में भी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर कोर्स किये जा सकते हैं। एक छात्र के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दवाब तो हर क्षेत्र में है। इसलिये पत्रकारिता भी इससे अछूता नहीं है। ये आप पर निर्भर करता है कि कैसे आप बिना दवाब के खबरों को पाठक या दर्शक तक पहुंचाते हैं।
नवभारत के सिटी चीफ अमिताभ तिवारी ने बच्चों को बताया कि खबर हर जगह मौजूद है बस उसे पहचानना आना चाहिये। जो खबर को पहचान गया बस वही पत्रकारिता कर सकता है। आप अपने आस-पास की घटनाओं पर नजर रखते हैं तो समझिये कि आपमें पत्रकार बनने के गुण हैं।
शिविर में कलेक्टर पी दयानंद ने सभी आगंतुक वरिष्ठ पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित ही आप सभी के मार्गदर्शन से छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा और जो भी पत्रकारिता में करियर बनाना चाहते हैं उन्हें पूरी जानकारी मिल गई होगी। शिविर के दूसरे दिन इंजीनियरिंग और आर्टिटेक्ट के विशेषज्ञों ने भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ फरीहा आलम सिद्दकी भी मौजूद रहीं।