रायपुर। आज से राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय फिल्म साहित्य महोत्सव की शुरुआत हुई है। इस महोत्सव जिफलिफ के रायपुर संस्करण 2018 का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि फिल्म और साहित्य क्षेत्र की बड़ी हस्तियां इस महोत्सव में शामिल हो रही हैं। आज की पीढ़ी को उन्हें सुनने, समझने और उनसे सीखने का अवसर मिलेगा। अपने हुनर से करोड़ों दिलों में जगह बनाने वाली हस्तियों को सुनना हम सबके लिए यादगार अनुभव होगा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी फिल्म और साहित्यिक गतिविधियां लगातार चलती रहती हैं। डॉ. सिंह ने छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता, निर्देशक, लेखक और अभिनेता स्वर्गीय किशोर साहू, स्वर्गीय हबीब तनवीर और सुप्रसिद्ध पण्डवानी गायिका पद्म विभूषण तीजन बाई को याद करते हुए कहा कि इन्होंने अपनी प्रतिभा और लगन से अपनी कला को नई ऊचाईयों तक पहुंचाने में सफलता पाई। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र की हस्तियों माधव राव सप्रे, पदमलाल पुन्नालाल बक्शी, गजानंद माधव मुक्तिबोध और साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का भी उल्लेख किया।
डॉ.रमन सिंह ने “आमिर: ए सोशल स्पार्क“ बुक का किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. कीर्ति सिसोदिया की किताब ‘आमिर: ए सोशल स्पार्क’ का विमोचन किया। इस अवसर पर फिल्म जूरी के सदस्य पद्मश्री सम्मानित ए.के. वीर, लेखक, गायक और अभिनेता पीयूष मिश्रा, सी.वी. रमन विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष चौबे सहित, मनोज जॉनसन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
‘बस्तर में दो दिन गुजारेंगे तो ताजी हवाओं से महीनों का ऑक्सीजन मिल जाएगा‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने निर्माण के बाद नए राज्य छत्तीसगढ़ ने विकसित राज्यों के बीच अपनी पहचान बनाने में सफलता पाई है। ईश्वर ने छत्तीसगढ़ को अपने हाथों से गढ़ा है। यहां के साल-सागौन के जंगल और पहाड़, चित्रकूट जैसे जलप्रपात मनोहारी है। उन्होंने कहा कि जब बस्तर की चर्चा होती है, तो नक्सल समस्या की जगह बस्तर के अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य, वहां के ढोल और मांदर की थाप, बस्तर में हुए विकास की चर्चा होनी चाहिए। बस्तर में आज मेडिकल कॉलेज, स्टील प्लांट आ रहा है, विश्वविद्यालय प्रारंभ हो चुका है, एजुकेशन हब जैसे शिक्षण संस्थान काम कर रही हैं और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से अच्छी कनेक्टिविटी भी है। बस्तर के समृद्ध और घने जंगलों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां दिल्ली और मुम्बई से आने वाले विशेष पैकेज हैं। बस्तर में दो दिन गुजारेंगे तो वहां की ताजगी भरी हवाओं से महीनों का ऑक्सीजन मिल जाएगा। जिफलिफ का आयोजन रायपुर की जगह दंतेवाड़ा किया जाना चाहिए था। इस अवसर पर संतोष चौबे, मनोज जॉनसन, पीयूष मिश्रा, ए.के. वीर और शिव दुबे ने भी अपने विचार प्रकट किए। डॉ. कीर्ति सिसोदिया ने अपनी पुस्तक ‘आमिर: ए सोशल स्पार्क के संबंध में कि यह पुस्तक अभिनेता की जीवनी पर नहीं, बल्कि फिल्मों जैसे प्रभावशाली माध्यम का उपयोग विभिन्न सामाजिक विषयों पर जनजागरूकता पैदा करने के संबंध में है। जिफलिफ के संस्थापक निदेशक करण कुकरेजा ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।