सुकमा। नक्सलवाद से सिसकते सुकमा से एक बेहद सुकून की खबर है। वैसे तो सुकमा जिले का दोरनापाल इलाका नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता है। आए दिन यहां पर नक्सली वारदातें होती रहती हैं। लेकिन अब यहां की एक बेटी अपने बुलंद हौसले से कामयाबी की इबारत लिख जिले का नाम रोशन करने जा रही है। और उस बेटी का नाम है माया कश्यप। दोरनापाल की रहने वाली माया का सेलेक्शन MBBS की पढ़ाई के लिए हुआ है। माया जिले की ऐसी पहली लड़की है जो MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनेंगी।
छठी क्लास में पढ़ती थी, तभी पापा का साया सर से उठ गया। पापा की मौत से बिल्कुल टूट चुकी माया ने तभी ये ठान लिया था कि अब इलाज के अभाव में पापा की तरह वो अब किसी और को यूं मौत के आगोश में जाने नहीं देगी। उसका बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था। जिसे पूरा करने में वह लगी रही. माया का कहना है कि डॉक्टर बनने के बाद वह गरीबों की सेवा करेगी।
माया की बहन का कहना है कि पिताजी के निधन के बाद माया को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आर्थिक तंगी से भी गुजरना पड़ा, लेकिन माया के हौसले नहीं डगमगाए। बाधाओं से लड़ते हुए उसने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। माया की बहन का कहना है कि पूरा परिवार उसकी कामयाबी से खुश है।