रायगढ़। बड़े शहरों के तर्ज में रायगढ़ में भी घड़ी चौक बनाया गया जो कि अपने निर्माण समय के कुछ दिनों बाद से बंद पड़ा हुआ है। चूंकि रायगढ़ स्टील हब है इसलिए बाहर प्रदेश के लोगो का आना जाना लगा रहता है और शहर के मध्य बन्द घड़ी चौक को देखकर हमारे शहर का उपहास उड़ाया जाता है। कई बार सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों के द्वारा इसे ठीक कराने हेतु निवेदन किया जा चुका है पर निगम प्रशासन के कानों में इस मामले को लेकर जूं तक नही रेंगता।
युवा संकल्प संगठन को यह महसूस हुआ कि निगम प्रशासन को जगाने के लिए नया और अनोखा रास्ता आजमाना पड़ेगा इसलिए आज युवा संकल्प रायगढ़। संस्थापक कौशल गोस्वामी के उपस्थिति में मीडिया प्रभारी लाकेश शुक्ला के नेतृत्व में युवा संकल्पियों ने घड़ी चौक का नाम ही बदल डाला और नया नाम बेटाइम चौक रख दिया। संगठन के सदस्यों ने थर्माकोल में बेटाइम चौक लिख कर सत्तीगुड़ी से घड़ी चौक तक “घड़ी चौक नही काम का बेटाइम चौक है नाम का” और “निगम प्रशासन मुर्दाबाद” जैसे नारों के साथ पहुंच कर युवा संकल्पियों ने घड़ी चौक के चारो ओर बेटाइम चौक का बोर्ड लगा दिया और कहा कि जब तक इस चौक के घड़ी का मरम्मत नही हो जाता वो इस चौक को बेटाइम चौक ही कहा जायेगा।
युवा संकल्पियों में बंद घड़ी को लेकर काफी आक्रोश दिख रहा था। संजय सोनी ने कहा कि बुजुर्ग कहते है कि अगर घर का घड़ी बन्द हो तो वाकई में समय खराब हो जाता है और घर की तरक्की रुक जाती है। ठीक उसी प्रकार से घड़ी चौक रायगढ़ का घड़ी है और उसके बन्द होने से रायगढ़ की तरक्की रुकी हुई है। लीलाधर खूंटे का कहना था कि अगर निगम इसकी जिम्मेदारी नही उठा सकती तो घड़ी चौक को डिस्मेंटल कर देना चाहिए और किसी महान पुरुष जैसे गुरु घासीदास के नाम से नामकरण कर देना चाहिए। सुजीत लहरे ने कहा कि अगर निगम प्रशासन जल्द ही उचित कदम नही उठाएगा तो युवा संकल्प घड़ी बनवाने अन्यथा इसे डिस्मेंटल करने हेतु उग्र आंदोलन करेगा।