रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामें के साथ हुई। कार्यवाही शुरु होते ही विपक्षियों ने सरकार से सवाल पूछना शुरु कर दिया है। इसी बीच कांग्रेस विधायक पारसनाथ राजवाड़े ने पीएचसी में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने भी प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को माना है।
वहीं मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष द्वारा तीन विधायकों के निष्कासन की मांग और विधायक दल की बैठक में रेणु जोगी को नहीं बुलाने को लेकर चर्चा हुई। भाजपा ने रेणु जोगी को नहीं बुलाने को उनका अपमान बताया। इसके अलावा दूसरे मुद्दों पर विपक्ष के सवालों पर जवाब देने के लिए सरकार जुझती नजर आई।
सदन में भाजपा विधायक देवजी भाई पटेल ने स्वच्छ भारत योजना के अंतर्गत क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का मुद्दा उठाया। बीजेपी विधायक ने साल 2017-2018 में लक्ष्य से अधिक शौचालय निर्माण की बात कहते हुए शौचालय निर्माण के भुगतान नहीं होने की बात कही। देवजी ने जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के पास पैसा होने के बाद भी भुगतान नहीं किए जाने की बात कही।
देवजी के सवाल पर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने जवाब में कहा 3 सीईओ को भुगतान नहीं होने पर नोटिस जारी किया गया है। कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने सरगुजा संभाग में मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान का मुद्दा उठाया। विधायक भगत ने कुछ जगहों पर मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी की बात कही। इस पर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने जांच कराने की बात कही।
सदन में कांग्रेस विधायक लालजीत सिंह राठिया ने मनरेगा के तहत काम के बाद लंबित भुगतान का मामला उठाया। इस पर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि भुगतान हुआ है, जहां नहीं हुआ वहां भुगतान किया जा रहा है। इस पर कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि प्रदेश भर में यही हालात हैं। दूसरे जिले का भुगतान दूसरे जिले में हो रहा है। भुगतान को लेकर बहुत गड़बड़ियां हैं।
कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने मनरेगा के तहत हुए कार्यों का भुगतान नहीं होने का मुद्दा सदन में उठाया। इसपर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकार जवाब नहीं दे पाये। फिर कांग्रेस विधायक चिंतामणी ने भी मक्का खरीदी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लुंड्रा विधानसभा में खरीदी नहीं हो रही है। खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहले ने जवाब में कहा कि अगली बार किसानों का पंजीयन कराकर मक्का की खरीदी की जाएगी।