कांकेर। कोयलीबेड़ा ब्लॉक में एक बार शिक्षाकर्मियों के साथ संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। प्रशासन की लापरवाही की वजह से अब शिक्षाकर्मियों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल शिक्षाकर्मियों की मौत पर 24 घंटे के भीतर मिलने वाले CPS के तहत अंशदायी पेंशन की राशि का 2 महीने बाद भी भुगतान नहीं किया गया है।
सहायक शिक्षक किशन तारम की मृत्यु के बाद परिजनों को अनुग्रह राशि नहीं मिली है। प्राथमिक शाला पीवी 2 देवपुर की सहायक शिक्षक पंचायत हेमलता यादव के निधन के 13 दिनों के बाद भी परिजनों को अनुग्रह राशि नहीं मिली है। वहीं इस महिला शिक्षाकर्मी के पति का स्वास्थ्य भी खराब चल रहा है। आलम ये है कि राशि के अभाव में परिजन अंतिम क्रियाकर्म भी नहीं कर पा रहे हैं। जबकि ट्रेजरी से उनका बिल पास हो चुका है। मृत शिक्षाकर्मियों के परिजन कभी बीईओ तो कभी जनपद कार्यालय के चक्कर लगा कर परेशान हो रहे हैं। ब्लॉक के शिक्षाकर्मियों के वेतन से सीपीएस राशि की कटौती किए जाने के बावजूद 56 माह की सीपीएस राशि शिक्षाकर्मियों के खाते में जमा नहीं की गई है। ना ही शासन द्वारा देय 10 फीसदी का अंशदान ही जमा किया गया। जिससे प्रत्येक शिक्षाकर्मी को जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज राशि के रूप में प्रति शिक्षाकर्मी 15,000 का नुकसान हो रहा है।
छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष स्वदेश शुक्ला ने बताया कि कांकेर जिले के बीहड़ वन मे धूर नक्सली क्षेत्र मे काम करने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग को सही समय पर वेतन नहीं मिल पाता है। मृत्युपरांत 11 शिक्षक पंचायतो के परिजनों की सीपीएस कटौती राशि 3 वर्ष से नहीं मिल पाई है। उनके घरवाले लगातार चक्कर लगा रहे है। लेकिन अधिकारी सही जानकारी नहीं दे पाते है। सीपीएस की कटौती खातों में सही समय में जमा नहीं हो पा रही है। जो शिक्षक पंचायतों के साथ घोर अन्याय किया है। इन समस्याओं से अधिकारियों हमारा संघ निरंतर अवगत कराते आ रहा है इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा समस्या का निराकरण सही समय पर नहीं किया जा रहा है इससे शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है।
छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष संतोष जायसवाल एवं ब्लॉक अध्यक्ष भोला प्रसाद ठाकुर ने मांग की है कि ऐसे दोषी अधिकारी कर्मचारियों से यह राशि वसूली की जाए व शिक्षाकर्मियों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जनपद व बीईओ कार्यालय में तालमेल नहीं होने के कारण सही समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।