नई दिल्ली। पीएनबी बैंकिग घोटाले में दायर एक जनहित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी है। इस याचिका में कहा गया है कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि नीरव मोदी का जल्द प्रत्यार्पण किया जाए और दस करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक लोन के लिए गाइडलाइन बनाई जाए। जो लोग लोन डिफाल्टर हैं उनकी संपत्ति तुरंत सीज करने जैसे नियम बनाए जाएं।
वकील विनीत ढांडा ने याचिका में कहा है कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। साथ ही केंद्र सरकार को दो महीने के भीतर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वक़ील एमएल शर्मा ने एक याचिका दायर कहा है कि, इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया जाए। इसके अलावा जांच की निगरानी खुद सुप्रीम कोर्ट करे। ये याचिका सुप्रीम कोर्ट के वक़ील एमएल शर्मा ने दाखिल की है।
याचिका में 10 करोड़ रुपये से ऊपर के बैंक लोन के लिए गाइडलाइन बनाने और लोन डिफॉल्टर की संपत्ति ज़ब्त करने के नियम बनाने की मांग की है। एक एक्सपर्ट पैनल का गठन हो जो बैंकों द्वारा 500 करोड़ व ज्यादा के लोन का अध्ययन कर कोर्ट को दे। याचिका में ये भी कहा गया है कि बड़े लोगों को राजनेताओं सरंक्षण प्राप्त होता है इसलिए वो पकड़ में नहीं आते हैं। इस तरह के घोटालों ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।