अमृतसर। शुक्रवार शाम को पंजाब के अमृतसर में जो हुआ है उसकी कल्पना कभी कोई सपने में भी नहीं कर सकता है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने इंसान को झकझोर कर रख दिया है, इस हादसे में जिनके घर की खुशियों उजड़ी हैं, उसकी भरपाई कोई भी नहीं कर सकता है। अमृतसर रेल हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनके साथ नियति ने इतना घिनौना खेल खेला है।
कटे सिर की फोटो देखकर पटरी पर पहुंचा था पिता
अमृतसर निवासी विजय कुमार वो दृश्य याद कर सिहर उठते हैं, जब उन्होंने अपने 18 साल के अपने बेटे के कटे हुए सिर की फोटो अपने व्हाट्सऐप पर तड़के तीन बजे देखी, कंपकंपाती आवाज और भरे गले से बोलते हुए विजय कुमार ने कहा कि एक पिता की इससे बड़ी बदकिस्मती नहीं हो सकती है कि वो अपने ही बेटे की मौत देखे और मैं तो वो दुर्भाग्यशाली व्यक्ति हूं जिसे अपने बेटे का पूरा शव भी नसीब नहीं हुआ।
नहीं मिला बेटे का पूरा शव
विजय के दो बेटों में से एक आशीष भी घटनास्थल पर था, जिसकी तो जान बच गई लेकिन उसका भाई मनीष हादसे का शिकार हो गया, विजय को जब इस हादसे का पता चला, तो वो अपने बेटे की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला, फिर अचानक तड़के तीन बजे उनके फोन के व्हाट्सऐप पर एक फोटो आई, जिसमें उनके बेटे का कटा हुआ सिर था। इसके बाद वो रोते-बिलखते अपने बेटे की पूरी बॉडी खोजने लगे लेकिन उन्हें वो भी नहीं मिली।
मौत की रेल
आपको बता दें कि अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक के रेलवे ट्रैक पर लोग मौजूद थे, पटरियों से महज 200 फुट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था, इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन वहां से गुजरी और ट्रैक पर मौजूद लोगों को कुचल दिया, इस हादसे में 60 लोगों की मौत हुई है, जबकि 72 लोग घायल हैं, हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार करीब 100 किमी. प्रति घंटे थी।