जशपुरनगर। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना बेरोजगार युवक युवतियों के लिए सौगात लेकर आई है। जशपुर जिले के कई बालक बालिकाएं जो कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान होकर अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रही थे और काम की तलाश की भटक रहे थे। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से इन बेरोजगार युवक युवतियांे को विभिन्न प्रशिक्षण से जोड़ कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इन्हीं में से जशपुर जिले की चार बालिकाएं फायर एण्ड सेफ्टी में प्रशिक्षण प्राप्त कर दिल्ली जाकर अपने हुनर और प्रतिभा से प्रतिमाह 17 से 18 हजार रुपए कमा रही है। जब ये बालिकाएं 1 साल बाद दिल्ली से जशपुर आई तो सीधे जशपुर कलेक्टर से मिलकर उन्हें धन्यवाद पत्र दिया। कलेक्टर डॉ. शुक्ला ने बच्चों को उत्साहित करते हुए कहा इसी तरह आगे बढ़ते रहो।
कलेक्टर से मिलकर कहा मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद
प्रशिक्षण प्राप्त कर दिल्ली में नौकरी लगने के 1 साल बाद जब शुक्रवार को वापस अपने गृह जिला जशपुर में आई। तो सबसे पहले सीता, ललिता, शुकन्ती और कुन्ती ने अपने जिले के कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद पत्र दिया। पत्र में उन्होंने लिखा था कि जब हम दिल्ली गए थे तो हमें वहां का वातावरण बिल्कुल अलग लग रहा था। हमे लग रहा था कि हम वहां एक दिन भी नहीं रह पाएंगें। उन्होंने कलेक्टर डॉ. शुक्ला से कहा कि हमें सिर्फ आपके कहे गए शब्द याद थे कि ’’कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ यह पंक्ति हमें हमेशा हमारे हौसलों को बढ़ा देती थी। और अब हमें वहां कोई परेशानी नहीं होती है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बच्चियों को प्रेरित करते हुए कहा कि तुम सब इसी तरह से आगे बढ़ती रहो और अपने माता-पिता तथा जिले का नाम रौशन करो।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ ललिता और सीता ने दिल्ली में ली थी सेल्फी
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत् जशपुर जिले की ये बालिकाएं जशपुर से प्रशिक्षण लेकर दिल्ली में काम कर रही थी। जब मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह किसी कार्य वश वहां पहुंचे और छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की इन बालिकाओं से मिले तो उत्साहित होकर उनके साथ मुस्कुराते हुए सेल्फी भी ली। ललिता और सीता ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात का अनुभव बताते हुए कहा कि हमें बहुत प्रसन्नता हुई कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री हमसे इतने दूर क्षेत्र में आकर मिले। हमें लगा कि हम अपने राज्य से दूर नहीं है।
जशपुर की बालिकाएं कर रही दिल्ली जाकर काम, कमा रही 17 से 18 हजार
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़कर सीता, ललिता, शुकान्ति और कुन्ती ने फायर सेफ्टी में प्रशिक्षण प्राप्त कर दिल्ली में काम कर 17 से 18 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही है। इनमें कुमारी ललिता एक्का पत्थलगांव विकासखंड के महादेवडाड़ की रहने वाली है इनके परिवार में कुल 7 सदस्य हैं जिनके आय का साधन एक मात्र कृषि पर निर्भर था। जिस कारण सीता ने 12 वीं की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाई और अपने परिवार की मदद करने के लिए काम की तलाश करने लगी। ललिता ने बताया कि उन्हें कोई विशेष प्रतिभा, हुनर नहीं होने से काम मिलने में बहुत परेशानी होती थी। जब उसे पता चला कि मुख्यमंत्री कौशल विकास में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अच्छी नौकरी भी मिल जाएगी। तो उसने तुरंत कौशल विकास में प्रशिक्षण के लिए फार्म भरा और तपकरा में उसने फायर एण्ड सेफ्टी का तीन माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया। ललिता ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के बाद उसे दिल्ली के जेएनयू गर्ल्स हॉस्टल में सिक्योरिटी गार्ड का पोस्ट मिला और अब वह प्रतिमाह 17 हजार रुपए कमा रही है। जिससे अब उसके परिवार को सिर्फ कृषि पर निर्भर नहीं होना पड़ता है। अब वह अपनी भाई बहन की भी पढ़ाई में मदद कर रही है। ललिता ने बताया कि उसने अपने पिताजी का भी ईलाज अपने कमाए हुए पैसों से कराया।