रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में विभिन्न आवासीय परियोजनाओं के पंजीयन के लिए 31 मई 2018 तक की समय-सीमा घोषित की गई है। प्राधिकरण के अध्यक्ष विवेक ढांड ने आज यहां भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 25 और धारा 37 के प्रावधानों के तहत यह घोषणा की है। उन्होंने बताया कि नवीन परियोजनाओं और रियल एस्टेट एजेंटो द्वारा प्राधिकरण के समक्ष 31 मई तक आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे। समय-सीमा में आवेदन पेश नही करने की स्थिति में उन पर भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 59 और 62 के प्रावधान लागू होंगे।
विवेक ढांड ने बताया कि रियल एस्टेट का नियमन का इस सेक्टर में पारदर्शिता और दक्षता लाने तथा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए राज्य शासन द्वारा इस प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण ने अपने गठन के थोड़े ही समय में काम-काज विधिवत शुरू कर दिया है और विभिन्न आवासीय प्रोजेक्टों और एजेंटो का रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण को अब तक प्रोजेक्टों के रजिस्ट्रेशन के लिए 3 और एजेंटो के रजिस्ट्रेशन के लिए 6 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका परीक्षण करने के बाद प्राधिकरण ने उन्हें रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया गया है।
रेरा अध्यक्ष विवेक ढांड ने यह भी बताया कि भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 3 (1) के अनुसार प्रत्येक आवासीय परियोजना के प्रमोटर को अपने चालू और नये प्रोजेक्ट के लिए रेरा में पंजीयन करवाना अनिवार्य है। इस अधिनियम की धारा-9 के तहत प्रत्येक रियल एस्टेट एजेंट के लिए भी रेरा में पंजीयन अनिवार्य है।