इंदौर। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में तनाव और गुस्सा होना आम बात है और जब वे इस गुस्से को निकाल नहीं पाते तो वो कई बीमारियों का शिकार होते हैं। इसी समस्या का एक अनूठा समाधान इंदौर में अतुल मलिकराम ने खोजा और उसने कैफे शुरू किया जिसमें आकर लोग अपना गुस्सा निकालने के लिए तोड़फोड़ करते हैं। अतुल का यह कैफे अब इलाके में लोकप्रियता पा रहा है और लोग मानसिक तनाव को हल्का करने के लिए यहां तोड़फोड़ करने पहुंचने लगे हैं।
नाम दिया है भड़ास कैफे
अतुल मलिकराम ने इसे भड़ास कैफे नाम दिया है। उनका कहना है कि डिप्रेशन और टेंशन के शिकार लोगों की मदद के लिए उन्होंने यह कैफे शुरू किया है। यहां तोड़फोड़ करने से पहले बकायदा लोगों को सुरक्षा के लिए सूट, दस्ताने और हैलमेट पहनाए जाते हैं। यहां ग्लास, कुर्सी, घड़ी, लैपटॉप, टीवी सहित अन्य चीजें तोड़ने की व्यवस्था है। यहां अलग-अलग चीजें तोड़ने के अलग-अलग रेट हैं। कांच का ग्लास तोड़ने पर दो से पांच रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा घड़ी तोड़ने के लिए आपको पचास रुपए चुकाने होंगे। लैपटॉप, टीवी जैसी चीजों को तोड़ने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे।
दीवारों पर क्या-क्या लिखा है?
इस कैफे की दीवारों पर नफरत, गुबार, चीखना, भड़ास, आक्रोश जैसे शब्द हिंदी और अंग्रेजी में लिखे हुए हैं। इसके अलावा देश का पैसा लेकर फरार हुए नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या की तस्वीरों पर आप मुक्के भी बरसा सकते हैं। इसके अलावा कैफे में और भी बहुत कुछ है। जिस बिल्डिंग में यह कैफे है वह दो फ्लोर का है। एक फ्लोर पर पढ़ने, म्यूजिक सुनने सहित अन्य कई मनोरंजक काम आप कर सकते हैं। दूसरे फ्लोर पर तोड़फोड़ करने की व्यवस्था की गई है। हलांकि ऐसे कैफे पहले से विदेशों में हैं लेकिन भारत में ऐसा पहली बार हुआ है।
कैफे में मनोचिकित्सक भी…
कैफे मालिक का कहना है कि लोगों को खुश रखने के लिए यह कैफे खोलने का विचार आया। यहां मनोचिकित्सक से भी आप सलाह ले सकते है। यहां रोजाना लोग आ रहे हैं और अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। कैफे में आई एक लड़की ने बताया कि ब्वॉयफ्रेंड के धोखे से वो परेशान है इसलिए वो यहां आकर अपना फ्रस्ट्रेशन निकालती हैं।