रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव रखा। चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस से धनेंद्र साहू ने कमान संभाली। उन्होंने कहा कि जब जनता का विश्वास सरकार से टूट जाता है, तब जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर विपक्ष होने के नाते हम सरकार पर अविश्वास जता रहे हैं।
साहू ने सरकार को घमंड से भरी है और दंभी बताते हुए कहा कि हम सरकार की गैरत जगाने खड़े हुए हैं। अभी भी आप अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं। आज बस्तर से लेकर सरगुजा तक चारों ओर जनता कुशासन से त्रस्त है। हाहाकार मचा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के 15 सालों के पाप का फल है कि लगातार प्रदेश सूखे के हालात से गुजर रहा है। सरकार की आमदनी ऐसे ही नहीं बढ़ गई, प्राकृतिक संपदा का दोहन कर सरकार का बजट 90 हजार करोड़ तक जा पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संपदाओं का पर्यावरण की चिंता किए बिना अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। दोहन के बाद जो आय बढ़ रही है उसमें से कितनी राशि किसानों के लिए, कर्मचारियों के लिए, युवाओं के लिए खर्च हो रहा है। साहू ने आरोप लगाया दोहन का लाभ चंद लोगों के हाथों में जा रहा है। सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है। उन्होंने भ्रष्टाचार और रिश्वत के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा।
वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में सरकार की ओर से प्रेम प्रकाश ने पक्ष रखते हुए कहा कि किस बात पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया समझ नहीं आ रहा है। लाखों लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने, चरणपादुका देने पर, उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हा दिया, बोनस दिया गया, इसलिए लाया गया क्या।
इसी दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाने लगे। इससे सदन में हंगामा होने लगा। अध्यक्ष ने अपनी बारी आने पर ही बोलने की बात कर सदस्यों को शांत करवाया। इसके बाद प्रेमप्रकश ने कहा कि हम 50 लाख लोगों को स्मार्ट फोन दे रहे हैं तो क्या गलत कर रहे हैं। किफायती सेट खरीद कर 1359 करोड़ रुपए की बचत की गई। हमने जो वादा किया वो निभाया है।