रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा प्रभा दुबे ने आज दुर्ग में संवेदीकरण कार्यशाला में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुर्ग नगर पालिक निगम के जनप्रतिनिधियों को बाल अधिकारों, बाल संरक्षण के लिए निर्मित अधिनियमों, बाल हित में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी देने के लिए किया गया था।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभा दुबे ने कहा कि बाल विवाह और बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस बुराई को समाज से दूर करना बहुत जरुरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के हितों की रक्षा और उनके संवर्धन के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा इसके लिए जनप्रतिनिधियों, बाल हित में काम कर रहे संगठनों और संस्थाओं, नागरिकों और शासकीय तंत्र सभी के सम्मिलित प्रयास आवश्यक हैं। साथ ही उन्होंने कार्यशाला में एक नगरस्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन करने की बात भी कही।
इस कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचन्दन ने कहा कि, बच्चों के हितों के लिए जिला पंचायत दुर्ग भी छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ कदम से कदम मिलकर चलने को कटिबद्ध है।
इस कार्यशाला के दौरान दुर्ग नगर पालिक निगम की महापौर चन्द्रिका चंद्राकर ने कहा कि, नगर निगम के स्तर पर हर आवश्यक सहयोग देने की बात कही। इस कार्यशाला में एवं देखरेख की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बेहतर कार्य करने के लिए जन प्रतिनिधियों से सुझाव भी आमंत्रित किये गए।
इस कार्यशाला में शामिल सभी जन प्रतिनिधियों ने दुर्ग शहर में भी सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों के मन की बात जानने के लिए गोपनीय सुझाव/शिकायत पेटी रखे जाने की बात पर सभी ने सहमति जताई।
इस कार्यक्रम में आयोग की सदस्य इंदिरा जैन, मीनाक्षी तोमर, नगर पालिक निगम दुर्ग के सभापति राज कुमार नारायणी, जिला विधिक आयोग के सचिव जीतेन्द्र सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिलापंचायत दुर्ग, आयुक्त नगर पालिक निगम दुर्ग सुदेश कुमार सुन्दरानी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी गुरप्रीत कौर हूरा, नगर पालिक निगम दुर्ग, आयोग के सचिव नंदलाल चौधरी सहित नगर पालिक निगम दुर्ग के पार्षदगण भी मौजूद थे।