रायपुर। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में से पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में ‘पेसा’ एक्ट में शामिल 19 जिलों के 85 आदिवासी बहुल विकासखंडों में इस महीने की 10 और 11 तारीख को विशेष ग्रामसभाओं के आयोजन का निर्णय लिया है। इन विकासखंडों की पांच हजार 055 ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभाएं होंगी, जिनमें ग्रामीणों को उनकी ग्राम पंचायतों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित केन्द्र तथा राज्य सरकार की संचालित योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी और उन्हें जागरूक करते हुए विभिन्न योजनाओं के तहत ग्राम सभा द्वारा प्रदत्त जिम्मेदारियों तथा हितग्राही चयन के बारे में भी चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ग्रामीणों से इन विशेष ग्रामसभाओं में शामिल होने की अपील की है। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर ने विभागीय अधिकारियों को विशेष ग्रामसभाओं के सुचारू आयोजन के लिए संबंधित जिलों में सभी तैयारियां जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इस सिलसिले में यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से संबंधित 19 जिलों के कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया है।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन स्थानीय समुदायों की सुविधा के अनुसार किया जाएगा। ग्राम सभाओं में ग्रामवासी स्थानीय विकास संबंधी मुद्दों पर भी प्राथमिकताओं के अनुसार चर्चा कर सकेंगे। जिन जिलों में विशेष ग्रामसभाएं होंगी उनमें नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोण्डागांव, बस्तर (जगदलपुर), कांकेर, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, कोरबा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, सरगुजा (अम्बिकापुर), बिलासपुर, जशपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में आदिवासी हितों, विशेष रूप से आदिवासी स्वायत्तता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 अर्थात् ‘पेसा’ कानून के परिपालन में केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों और ग्रामसभाओं के माध्यम से स्थानीय समुदायों के समग्र विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों की पंचायतों के लिए विशेष उपबंध बनाए गए हैं, जिनके परिपालन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भी पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 129 (क) से (च) तक कई प्रावधान किए गए हैं। विभिन्न विभागों द्वारा भी अपने अधिनियमों में इसके अनुसार प्रावधान करते हुए जनता की बेहतरी के लिए योजनाओं और विकास कार्याें का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा ग्रामसभाओं को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। पंचायत राज अधिनियम 1993 के तहत राज्य में पांचवी अनुसूची की पंचायतों में ग्रामसभाओं के सम्मिलन के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित क्षेत्र की ग्रामसभा (गठन, सम्मिलन की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन) नियम 1998 संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने जिले के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से समन्वय कर विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन सुनिश्चित करेंगे।