बीजापुर। बस्तर में भैरमबाबा की नगरी के नाम से प्रसिद्ध बीजापुर जिले का ऐसा नगर जहां हर साल अनोखे मेले का आयोजन होता है। जो कि प्रदेश के वन, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री महेश गागड़ा का भैरमगढ़ गृह नगर है। यहां भैरमगढ़ में हर साल भैरमबाबा जात्रा (मेले) का आयोजन किया जाता है। जिसमें मंत्री महेश गागड़ा हरसाल श्रद्धा और उल्लास के साथ जात्रा (मेला) में शामिल होते हैं। स्थानीय विधायक होने के नाते जात्रा (मेला) के आयोजन में मंत्री गागड़ा का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
बता दें इस साल तीन दिवसीय जात्रा (मेला) का आयोजन किया जा रहा है। 24 अप्रैल से शुरु इस मेले में बस्तर की परपंरा और संस्कृति को बखूबी देखा जा सकता है। पूर्वजों से चली आ रही परंपरा के अनुसार हथवाड़ा, इंगुम, मिरतुर, कोटेनार, बोदली, तुमनार, डालेर जैसे सुदूर क्षेत्रों में आंगादेव को निमंत्रण दिया जाता है। जात्रा के समय लकड़ी की बनी डोली को लेकर ग्रामीण घूमते नजर आते हैं। दरअसल यह डोली आंगादेव की होती है, जो निमंत्रण पर जात्रा में शामिल होने आते हैं। भैरमगढ़ पहुंचने के बाद नगर के प्रमुख जनों द्वारा विधि विधान से पूजा की जाती है। उसके बाद भैरमबाबा का विधिवत पूजन कर मेला प्रारंभ होता है। मांझी, मुखिया, पुजारी, ग्रामीण जन देवी देवताओं के साथ दिन-रात नृत्य करते हैं। यह परंपरा बस्तरिया संस्कृति की एक अनुठी परंपरा है जिसके अनुसार नृत्य करके अपने कुलदेवी, देवता को प्रसन्न किया जाता है। मान्यता है कि कुलदेवी-देवता प्रसन्न होने से मन चाहा वर देते हैं एवं परिवार खुशहाल रहता है। जात्रा के अंतिम दिवस में आंगादेव का विधिवत पूजन कर विदाई दी जाती है। इस प्रकार जात्रा (मेला) का समापन हो जाता है।
मंत्री महेश गागड़ा प्रतिवर्ष श्रद्धा के साथ जात्रा में शामिल होते हैं। निमंत्रण पर भैरमगढ़ पहुंचे आंगादेव का पूजन कर उनका स्वागत करते हैं। भैरमबाबा का विधिवत पूजन करते हैं, साथ ही अन्य रश्मों में भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हैं। स्थानीय विधायक होने के नाते आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।