नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि सदन में हंगामे की वजह से वे तीन तलाक रोक विधेयक में हिस्सा लेने वंचित रहे गए। सदस्यों की विदाई समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कुछ साथी इस अनुभव को लेकर समाज सेवा में अपनी भूमिका को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन से विदा हो रहे सदस्यो का अपना योगदान रहा है और हर किसी ने राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयास किया है। राष्ट्र उनके योगदान को कभी भूल नहीं सकता है।
राज्य सभा के महत्व का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यहां जो बात बताई जाती है, उसका लोकतंत्र में एक विशेष महत्व है और जो नीति निर्धारण में खास भूमिका निभाता है। उन्होंने अपने संबोधन में उपसभापति पी जे कुरियन, मनोनीत सदस्य के पराशरन, दिलीप तिर्की और सचिन तेंदुलकर का खास तौर पर जिक्र किया।
कुरियन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा हमेशा याद किया जाएगा। मोदी ने कहा कि कुरियन ने संकट की घड़ी में भी सदन को ठीक से चलाया। उन्होंने कहा कि अधिकतर सदस्य राजनीतिक विचारधारा के लोग हैं। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने सोचा होगा कि अपने आखिरी सत्र में वह कुछ विषय उठाएंगे। लेकिन हंगामे के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए।
मोदी ने कहा कि सदस्य तीन तलाक पर रोक जैसे विधेयक पर फैसले की प्रक्रिया से वंचित रह गए। इस बात की उन सदस्यों को कसक रहेगी क्योंकि ये फैसले ऐतिहासिक महत्व के हैं और इन्हें याद किया जाएगा।