नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में बयान दिया। लोकसभा में पीएम मोदी के बयान से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पीएम मोदी के खड़े होने पर भी शोर कम नहीं हुआ और विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी करते रहे।
पीएम मोदी के बयान के दौरान सदन में बीजेपी की सहयोगी पार्टी टीडीपी के सांसद भी नारेबाजी करते रहे। इस दौरान ड्रामा बंद करो, झूठे वादे बंद करो और धमकाना बंद करो जैसी नारेबाजी करते रहे। यहां तक कि जुमलेबाजी बंद करो जैसे नारे भी गूंजते रहे। साथ ही झूठा भाषण बंद करो और मैच फिक्सिंग बंद करो जैसे नारे की गुंज सुनाई देती रही।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ”राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान करीब 34 लोगों ने अपनी बात रखी। किसी ने पक्ष में तो किसी ने विपक्ष में, लेकिन शांति से चर्चा हुई। राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान होना चाहिए, सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना कितना उचित है।” इसके बाद भी यदि वह विरोध कर रहे है तो वह अपना समय ही बर्बाद करें।
पीएम मोदी ने बेरोजगारी पर हो रही नारेबाजी के बीच कहा कि रोजगार का आंकड़ा क्यों नहीं देते हैं। पीएम ने ये भी पूछा कि स्वरोजगार को रोजगार नहीं मानोगे क्या। उन्होंने ये भी बताया कि हमारी सरकार ने बिना गारंटी 10 करोड़ लोन दिए गए और बीच में कोई दलाल नहीं आया। गैर बीजेपी राज्यों में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। क्या आप इसको भी झूठा कहेंगे? देश को गुमराह करने की कोशिश मत कीजिए।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी किसानों की हालत ठीक नहीं है और किसानों के नाम पर खूब राजनीति हो रही है। हमारी सरकार ने फसल को बर्बाद होने से बचाने की योजना बनाई है।कांग्रेस 21वीं सदी का सपना दिखाती थी, लेकिन इन्होंने एक उड्डयन नीति तक नहीं बनाई, तो क्या ये बैलगाड़ी वाली 21वीं सदी चाहते थे।
उन्होंने कहा कि 1980 में 21वीं सदी की बात करना मंजूर था, लेकिन अगर मोदी 2018 में आजादी को हो रहे 75 साल 2022 की बात करता है तो आपको तकलीफ हो रही है।आपकी तरफ से आशंका थी कि मोदी आधार को खत्म कर देगा। पर जब आधार अच्छे ढंग से लागू हो गया, गरीब को उसका फायदा मिलने लगा, तो आपको को उसका इंप्लीमेंटेशन खराब लगने लगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”देश में एनपीए की बात होती है। पिछली सरकार में चहेतों को लोन दिया जाता था। एनपीए के लिए सिर्फ पुरानी सरकार जिम्मेदार है। मैं लोकतंत्र के मंदिर में खड़े होकर कहता हूं कि ये आपके पाप की देन है। हमारी सरकार में हमने एक भी ऐसा लोन नहीं दिया जिसमें एनपीए की नौबत आई हो।
कांग्रेस के पाप को जानकर भी देश हित में मैंने मौन रखा। पिछली सरकार ने एनपीए का आंकड़ा 36% बताया लेकिन 2014 जब हमारी सरकार बनी। हमने कागज खंगाले तो पता चला कि एनपीए का असली आंकड़ा 82% था। कांग्रेस के समय 18 लाख करोड़ के एनपीए को 52 लाख करोड़ तक पहुंचाया गया। आज का एनपीए उनके पापों का ब्याज है।”