रायपुर। समाज कल्याण विभाग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में विशेष सचिव आर प्रसन्ना ने गुरुवार को विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान सचिव आर प्रसन्ना ने जिलों में पदस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले सभी बीपीएल दिव्यांगजनों को पेंशन देना सुनिश्चित करें। इसके लिए सर्वे के आधार पर दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाएं। सभी दिव्यांगजनों को राशन कार्ड, दिव्यांगजन प्रमाणपत्र, दिलाने के लिए कारगर कार्य योजना बनाकर युद्धस्तर पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही और धीमी प्रगति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले और विकासखंड स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए एक -एक मॉडल स्कूल विकसित किए जाएं। जहां दिव्यांग बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे रैंप, व्हील चेयर, टैक्टाइल टाइल्स, विशेष शौचालय आदि उपलब्ध कराई जाएं। आर प्रसन्ना ने आंगनबाड़ियों और सामान्य शालाओं में दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा करते हुए कहा है कि दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाओं की सतत निगरानी करें। ताकि कोई बच्चा इनसे वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि शासकीय संस्थाओं में दिव्यांग बच्चों की आवश्यकता के अनुसार अधोसरंचना विकास पर विशेष रूप से ध्यान दें। बैठक में समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ संजय अलंग ने विभाग द्वारा सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत निराश्रितों,दिव्यांगजनों, विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं तथा वृद्धजनों को दी जा रही पेंशन की समीक्षा करते हुए कहा कि कोई भी हितग्राही पेंशन से वंचित न रहे।
उन्होंने बैठक में सभी पेंशन प्राप्तकर्ताओं को सीधे उनके बैंक खातों के माध्यम से राशि भुगतान हेतु डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसेक्शन योजना की प्रगति की भी जानकारी ली। बैठक में प्रदेश में संचालित बहुविकलांग केंद्र, विशेष विद्यालय, वृद्धाश्रम, नशामुक्ति केंद्र के कामकाज की भी समीक्षा की गई।