नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वोडाफोन-आइडिया मर्जर को मंजूरी दे दी है। सरकार से मिली मंजूरी के बाद अब ये देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी बन जाएगी। वोडाफोन-आइडिया के मर्जर से तैयार हुई नई कंपनी के पास 35 फीसदी मार्केट शेयर और लगभग 43 करोड़ सब्सक्राइबर्स होंगे। केंद्र सरकार से मिली मंजूरी के बाद अब दोनों कंपनियों को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से संपर्क करना होगा। आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया को इस मर्जर के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DOT) को संयुक्त रूप से 7,268.78 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा।
वोडाफोन-आइडिया हुए एक
आज सरकार ने आइडिया-वोडाफोन के मर्जर को मंजूरी दे दी। दूरसंचार विभाग ने दोनों ही कंपनियों के विलय को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही दोनों कंपनियों के प्रमुख को सर्टिफिकेट सौंप दिए गए हैं। इस मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी, जिसका नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगा। इस कंपनी के पास 43 करोड़ सब्सक्राइबर्स होंगे।
देश की बड़ी कंपनी वोडाफोन-आइडिया
देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी। इस कंपनी की संयुक्त कमाई 23 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक) होगी। कंपनी के पास 35 फीसदी मार्केट पर कब्जा होगा। कंपनी के पास 43 करोड़ ग्राहक होंगे। वंलय के पास कंपनी को बाजार में प्रतिस्पर्धा से गुजरने में काफी मदद मिलेगी। नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास 26 फीसदी और आइडिया के शेयरधारकों के पास 28.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी। नई कंपनी में कुमार मंगलम बिड़ला गैर कार्यकारी चेयरमैन होंगे और वोडाफोन इंडिया के मौजूदा सीओओ बालेश शर्मा को कंपनी का सीईओ बनाया गया है। वहीं आइडिया के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अक्षय मुंद्रा नई कंपनी में भी CFO बनाया गया है।
क्या होगा यूजर्स पर असर
दोनों कंपनियों के विलय के बाद कंपनी का नाम बदल जाएगी। नई कंपनी नाम वोडाफोन-आइडिया होगा और दोनों ही कंपनियों के ग्राहक नई कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के यूजर्स बन जाएंगे। दोनों ही कंपनियों के यूजर्स को नए कंपनी में शिफ्ट होने के बाद एक समान ऑफर्स और नए प्लान का फायदा मिलेगा। उन्हें इसके लिए कोई सिम बदलने की जरूरत नहीं होगी।