रायपुर। संविलियन में भारी विसंगति से प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। संविलियन में विसंगति के कारण वर्ग 03 के शिक्षाकर्मीयों को आज प्रतिमाह लगभग 12 से 17 हजार रुपये का बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
“छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने संविलियन में उक्त विसंगति एवं वर्ग 03 को नुकसान के लिए त्रिमूर्ति अर्थात संजय शर्मा, केदार जैन और विरेन्द्र दुबे को जिम्मेदार ठहराया है। श्री साहू ने मोर्चा के उक्त तीनों नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इन नेताओं ने विगत कई वर्षो से वर्ग 03 को सिर्फ हड़ताल में भीड़ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया। वर्ग 03 के रहनुमा होने के नाम पर वर्ग 03 के साथ इन लोगों ने कभी न्याय नहीं किया। जो नेता संविलियन नहीं होने पर हड़ताल करने, स्कूलों में तालेबंदी करने, आदि की बात कर रहे थे। संविलियन नहीं होने पर जो लोग रोज चाय पर चर्चा, वाल पेंटिंग और न जाने कई तरीकों से हड़ताल की बात कर रहे थे वही लोग आज वर्ग 03 के साथ अन्याय होने पर सम्मेलन कर सरकार को महिमामण्डित करने में लगे हुए है।
प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने प्रदेशभर के समस्त सहायक शिक्षकों से सम्मेलन का खुलेआम बहिष्कार करने की अपील की है।
आज 1998 से वर्ग 03 में ही कार्यरत गैरपदोन्नत सहायक शिक्षको को मात्र 35000 रुपये वेतन मिल रहा है जबकि उन्ही के बैच के ही पदोन्नति प्राप्त सहायक शिक्षकों को 48 से 50 हजार वेतन मिल रहा है।
संविलियन में वर्ष बंधन की बाध्यता के कारण प्रदेश के लगभग 40 हजार से अधिक शिक्षाकर्मी आज संविलियन होने से वंचित रह गए है।
2010 से आकस्मिक मौतों के शिकार शिक्षाकर्मी साथियों के परिजनों को राज्य सरकार आज तक अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दे पाई है। ऐसे परिवार को सरकार जीवन यापन के लिए किसी भी प्रकार का पेंशन या अन्य कोई भत्ता नहीं देती। ये परिवार रोजी-रोटी के लिए आज दर-दर की ठोकरें खा रहे है।
इस सबके बावजूद ये त्रिमूर्ति आज सम्मेलन कर सरकार का चरण-वंदन करना चाहती है जो प्रदेश के 1,09,000 सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग के भावनाओ के साथ भद्दा मजाक नहीं तो क्या है…??????
आज जब 78 % शिक्षाकर्मी समस्याओं से ग्रसित है ऐसे में सम्मेलन किसी भी सूरत में उचित नहीं। प्रांतीय संयोजक जाकेश साहू ने वर्ग 03 के सभी शिक्षाकर्मियों से अपील की है कि प्रदेश का प्रत्येक सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग प्रत्येक छोटे-बड़े सम्मेलन का खुलकर प्रतिकार / बहिष्कार करें।