नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को 7th Pay Commission के लागू होने का इंतजार है। दो साल से अधिक का वक्त बीत चुका है, लेकिन सरकार अभी तक ये तय नहीं कर पाई है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैसे और कब से लागू किया जाए। इतना ही नहीं वेतन आयोग की सिफारिशों और केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों के बीच विरोधाभास के चलते सरकार अब तक ये भी तय नहीं कर पाई है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा। वेतन बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे कर्मचारियों की उम्मीद एक बार फिर से जागी है कि सरकार 19 सितंबर से पहले उन्हें खुशखबरी दे सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में कर्मचारियों से विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने 19 सितंबर से प्रोटेस्ट डे का आवाहन किया है, जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी में हो रही देरी और उनकी मांगों की अनदेखी को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
19 सितंबर के बाद मिल सकती है खुशखबरी
मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अधिक कर्मचारियों की मांगों को लेकर फैसला ले सकती है। हाल ही में कर्मचारी यूनियंस के साथ हुई बैठक में सरकार की ओर से सकारात्मक रूख दिखा। सूत्रों की माने तो सरकार कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन 18000 से बढ़ाकर 21000 रुपए प्रति माह कर सकती है। सरकार जहां कदम फूंक-फूंक कर रख रही है, वहीं कर्मचारियों ने 19 सितंबर से विरोध प्रदर्शन का मन बना लिया है। केंद्रीय कर्मचारियों ने 19 सितंबर को ऑल इंडिया प्रोटेस्ट डे मनाने का फैसला किया है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान देश भर में रैलियां निकाली जाएगी। विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारी यूनियंस ने सितंबर 2018 को प्रोटेस्ट मंथ घोषित किया है।
लाखों कर्मचारियों की नाराजगी पड़ सकती है भारी
कर्मचारियों ने “All India Protest Day” की शुरुआत 19 सितंबर 2018 से करने का फैसला किया है, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन, धरना और रैलियां निकाली जाएंगी। इस विरोध प्रदर्शन में INDWF और FNPO के सदस्य भी हिस्सा लेंगे। देशभर में करीब 50 लाख कर्मचारी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। कर्मचारियों की संख्या को देखकर आप विरोध प्रदर्शन के स्तर को समझ सकते हैं। ऐसे में उम्मीद बढ़ी है कि सरकार इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए 19 सितंबर से पहले बड़ी घोषणा कर सकती है। अगर सरकार ने देरी की तो 19 सितंबर के बाद विरोध के स्तर को कर्मचारियों को शांत करने के लिए सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि सरकार 19 सितंबर के बाद कर्मचारियों की मांगों को मानकर इस प्रदर्शन को रोक देगी।
क्या है 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों वेतन में वृद्धि चरणबद्ध तरीके से होगी, जिसके तहत कम सैलरी वाले कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा पहले होना चाहिए। वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, न्यूनतम वेतन 18000 रुपए तय की गई है, जबकि केंद्रीय कर्मचारी इसे 26000 रुपए करने की मांग की है। वहीं, फिटमेंट फैक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग की है।
इन प्रदेशों में कर्मचारियों को तोहफा
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पुड्डुचेरी, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर राज्यों ने कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का तोहफा मिल गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सरकारी कॉलेजों, विश्विद्यालयों और शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों के लिए सातवें वेतनमान की घोषणा कर दी है। जहां बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने तेजी दिखाई और अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सैलरी बढ़ोतरी का तोहफा दिया तो वहीं केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार अब तक बरकरार है।