रायपुर। आईआईटी गुवाहाटी ने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) 2018 के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस बार भिलाई के सिटी टॉपर ऋषभ जैन बने हैं। वैशालीनगर भिलाई के ऋषभ ने गेट में ऑल इंडिया में 11वां रैंक हासिल किया है। ऋषभ ने बीआईटी दुर्ग से 2017 में ही इंजीनियरिंग कंप्लीट की है। ऋषभ ने गेट एकेडमी भिलाई से गेट की तैयारी की है।
इसके अलावा गेट एकेडमी भिलाई से ही 9वां रैंक रायपुर के साईदीप शेरुकुड़ी ने हासिल किया है। साईदीप भी गेट एकेडमी के स्टूडेंट्स है। इसके अलावा 67वां रैंक हासिल कर प्राजक्ता पॉवरी ने भी ऑल इंडिया 100 में जगह बनाई है। प्राजक्ता गुंडरदेही की रहने वाली है। बीआईटी दुर्ग से पिछले साल ही इंजीनियरिंग पूरी की। इससे पहले परीक्षा की आंसर-की और फाइनल आंसर-की रिलीज की जा चुकी है। गेट 2018 परीक्षा 3 फरवरी, 4 फरवरी, 10 व 11 फरवरी, 2018 को आयोजित की गई थी।
यहां देख सकते हैं अपना रिजल्ट…
नोटिफिकेशन के शेड्यूल के मुताबिक परीक्षा का रिजल्ट 17 मार्च को जारी किया जाना था लेकिन आईआईटी ने परीक्षा परिणाम एक दिन पहले ही यानी 16 मार्च को घोषित कर दिया है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट www.gate.iitg.ac.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
पिछले साल से बेहतर रिजल्ट
गेट एकेडमी भिलाई के डायरेक्टर उमेश ढांढे और आई-गेट एकेडमी भिलाई के डायरेक्टर सिद्धार्थ शुक्ला ने बताया कि इस साल का रिजल्ट पिछले साल से बेहतर आया है। इस साल भी भिलाई के सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ने गेट क्वालिफाई किया है।
क्यों देते हैं गेट
इसी चुनौतीपूर्ण और ऑल इंडिया लेवल की परीक्षा के जरिए देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी एवं अन्य) में एमटेक, एमई और पीएचडी जैसे मास्टर व डॉक्टोरल कोर्सेज में दाखिला मिलता है।
यहां मिलती है नौकरी
इसके अलावा देश की बहुत सी पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) कंपनियां भी इसी परीक्षा के जरिए भर्तियां करती हैं। यही नहीं बहुत सी स्कॉलरशिप के लिए भी इसी परीक्षा के प्राप्तांक मान्य होते हैं। जिन पीएसयू में इस परीक्षा के जरिए जॉब मिलती है, वह हैं- भेल, गेल, एचएएल, आईओसीएल, एनटीपीसी, एनपीसीआईएल, ओएनजीसी और पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया।
कौन दे सकता है ये परीक्षा
जिनके पास चार वर्षीय इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की बैचलर डिग्री हो (B.E./ B.Tech./ B.Pharm.) या जिन्होंने आर्किटेक्चर में बैचलर किया हो आपको यह भी बता दें कि गेट का स्कोर तीन साल के लिए मान्य रहता है। इस टेस्ट को आप कितनी भी बार दे सकते हैं। इसके प्रयासों की संख्या की कोई सीमा नहीं है।