दुर्ग (कोमल वर्मा)। नगर निगम दुर्ग में सीवरेज सिस्टम सुधारने के नाम पर जिम्मेदार अफसरों ने रेवड़ी बांटने का काम किया है। दरअसल दुर्ग निगम के अधिकारियों ने पद्नाभपुर, बोरसी और आदित्य नगर में सीवरेज सिस्टम सुधारने 3.89 करोड़ रुपए खर्च होना बताया है। जबकि काम अधूरा हुआ है। इसकी शिकायत 27 अप्रैल को दुर्ग के रहने वाले दीपक कोठारी ने प्रधानमंत्री ऑफिस में की। कंप्लेन मिलते ही जांच के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने 20 जून को ही दुर्ग रीजन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रमोद कुमार दुबे को लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है, इस पूरे मामले की तथ्यों की जांच करें। इसके बाद अपना स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन डायरेक्टोरेट को भेजें। गौरतलब है कि इस मामले का खुलासा पिछले दिनों एक दैनिक समाचार पत्र ने किया था। इसके बाद से यहां हड़कंप मचा हुआ है।
दुर्ग निगम देता रहा सिर्फ नोटिस…
– तीनों जगहों पर अलग-अलग ठेका एजेंसी को काम दिया गया। पद्मनाभपुर में तो ठेका एजेंसी काम छोड़कर भाग चुकी है।
– मेंटेनेंस का काम पर जिस एजेंसी को काम दिया गया, वह भी भाग खड़ी हुई।
– कॉलोनियों में छोटे चेंबर अधूरे हैं। उन पर न ही कोई स्लैब ढालकर उन्हें ढका गया है, न ही पाइप लाइन को उनसे जोड़ा गया है।
– 87.99 लाख रुपए आदित्य नगर में निगम ने खर्च किए।
– 1.25 करोड़ रुपए से पद्मनाभपुर की पूरी लाइन का होना था। इसका काम डीडी सिंघल को दिया था।
– 99.71 लाख से बोरसी में सीवरेज लाइन पर खर्च किया गया।
– 76.74 लाख रुपए तो तीनों कॉलोनियों में सीवरेज के लिए खर्च किए।
– 3.89 करोड़ रुपए सीवरेज लाइन सिस्टम पर खर्च।