दुर्ग। कलेक्टर उमेश अग्रवाल से गुरुवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। करीब आधे घंटे तक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर ने फेडरेशन के सदस्यों से एचआरए पॉलिसी को लेकर स्पष्ट किया। कलेक्टर ने कहा कि, जिला आहरण-संवितरण अधिकारी यानि डीडीओ तय करेंगे कि कर्मचारी को एचआरए देना है या नहीं? शासन की योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन हो। इसका ध्यान रखें। काम प्रभावित नहीं होना चाहिए। इस दौरान कर्मियों ने भी क्रियान्वयन को और बेहतर करने के लिए सुझाव भी दिए।
कर्मियों के लिए हो स्टाफ
फेडरेशन के सदस्यों ने कलेक्टर से स्टाफ क्वार्टर की मांग की। प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने कहा कि, तीनों ब्लाक में स्टाफ क्वार्टर की कमी है। इस पर कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि, 40-40 यूनिट में क्वार्टर तैयार किए जा रहे हैं। जो जल्द ही पूर्ण हो जाएंगे। इसके अलावा कर्मियों ने अन्य मुद्दों पर कलेक्टर से विस्तृत चर्चा की।
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के इन प्रतिनिधियों ने की मुलाकात
कलेक्टर से मुलाकात करने वालों में जिलाध्यक्ष विजय लहरे, अध्यक्ष एएम झा, डॉ. वीके गुप्ता, हरी शर्मा, पाटन संघ अध्यक्ष कौशल सिंह राजपूत, स्वास्थ्य संघ अध्यक्ष एमएम कुरैशी, शिक्षक संघ अध्यक्ष देवेंद्र बंछोर, कर्मचारी कांग्रेस अध्यक्ष अनुरूप साहू, लिपिक संघ अध्यक्ष सीएल निर्मलकर समेत अन्य मौजूद रहे।
कर्मचारी-अधिकारियों के बीच में बना रहेगा संवाद
बैठक में कलेक्टर ने फेडरेशन के सदस्यों से कहा कि, योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को तभी मिलता है जब अधिकारी-कर्मचारियों के बीच में बेहतर संवाद हो। बीच-बीच में समय निकालकर फेडरेशन के पदाधिकारी मुलाकात करते रहें। ताकि आप लोगों की भी समस्या हमें पता चलते रहे। प्रांताध्यक्ष चटर्जी ने कहा कि, इस तरह की पहल से कर्मचारी और अधिकारियों के बीच में बेहतर तालमेल बनेगा। शिक्षा गुणवत्ता मिशन के विषय में कलेक्टर ने कहा कि, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मिले। यह जिम्मेदारी हम सबकी है। आप लोग भी बीच-बीच में स्कूल विजिट किया करें।