रायपुर। प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के संविलियन की घोषणा का स्वागत किया है। पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों में इस घोषणा से खुशी है। लेकिन संविलियन के ड्राफ्ट सार्वजनिक नहीं होने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जिसे लेकर शिक्षाकर्मियों में अब बेचैनी बढ़ गई है। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने सरकार से मांग किया है कि संविलियन के ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाए जिससे कि उसका अध्ययन कर यदि उसमें कोई विसंगति व्याप्त हो तो उसे अवगत कराया जाए। कैबिनेट में निर्णय के पूर्व ही सुधार कर लिया जाए।
बता दें मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा के बाद वहां के अध्यापकों में भी काफी प्रसन्नता दिखाई दिया था लेकिन संविलियन के ड्राफ्ट सार्वजनिक होने के बाद उसमें कई प्रकार की विसंगतियां देखी गई और शिक्षाकर्मी फिर से असंतुष्ट हो गए।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा और मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने सरकार से संविलियन प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं। जिसका जवाब भी आज के परिपेक्ष्य में प्रासंगिक है।
मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने सरकार से किए सावल, पूछा..
– क्या संविलियन का प्रारूप त्रुटि रहित बनाया गया है क्या संविलियन के प्रारूप में प्रदेश के 180000 शिक्षाकर्मियों के संविलियन की व्यवस्था की गई है?
– क्या संविलियन में पूर्व में विसंगतिपूर्ण वेतन निर्धारण की प्रक्रिया में सुधार कर लिया गया है?
– क्या संविलियन प्रारूप में भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है?
– क्या संविलियन प्रारूप में वर्ग 3 के साथियों के समानुपातिक वेतनमान के अंतर को समाप्त कर लिया गया है?
– क्या संविलियन के प्रारूप में शिक्षा विभाग और आदिम जाति विभाग के मूल पद सहायक शिक्षक शिक्षक एवं व्याख्याता के पद में ही संविलियन करने की व्यवस्था किया गया है?
– क्या संविलियन प्रारूप में सातवें वेतनमान की व्यवस्था जनवरी 2016 से लागू करने की व्यवस्था की गई है?
– क्या ड्राफ्ट में शासकीय शिक्षको को देय सभी भत्ते, वित्तीय लाभ व सुविधाओ का उल्लेख किया गया है।