दुर्ग। प्रदेश में आए दिन शिक्षाकर्मियों अपनी समस्या को लेकर जूझते रहते है। आलम ये है कि अब शिक्षाकर्मी फूटपाथ पर चना बूट बेचने को मजबूर हो गए है। इसका सीधा असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर देखी जा सकती है। जो कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर एक सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। अब इसे सरकार की अनदेखी कहे या फिर प्रशासन की उदासीनता। खैर, इस मामले में जब शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत व नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश महिला प्रकोष्ठ उमा जाटव से बात किया गया तो उन्हें जानकरी दी कि मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षाकर्मी के वेतन सबंधी मामले में स्पष्ट रुप निर्देश दिया जा चुका है। हाल ही इस विषय में पंचायत मंत्री ने भी विधानसभा मे घोषणा की थी। इसके साथ-साथ अभी कुछ दिन पहले ही उप सचिव पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने भी सभी जिला पंचायत को निर्देश जारी किए थे। कि फरवरी के पहले सप्ताह तक प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मियों को वेतन भुगतान कर दिया जाए। लेकिन इन सब बातों का कहीं कोई असर दिखता नजर नहीं आ रहा है।
फिलहाल मौजूदा हालात यह कि इन सब बातों, घोषणाओं और आदेशों का जिला स्तर पर कहीं कोई पालन नहीं होता नजर आ रहा है। जिससे शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य पर काले बादल मडरा रहें हैं। गौरतलब है कि इस विषय पर प्रदेश सरकार को अपना संज्ञान लेना चाहिए।
इस मामले में शिक्षाकर्मियों ने बताया कि, आज फरवरी माह के तीसरा दिन प्रारम्भ होने के बाद भी जिला पंचायत मे राशि नहीं होने की जानकारी अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। जबकि पंचायत विभाग द्वारा वेतन भुगतान के लिए 22 जनवरी को ही विभिन्न जिला पंचायत को 234 करोड़ रुपये की राशि का आबंटन कर दिया गया था।
इसी आदेश में दुर्ग जिला को भी 15 करोड़ रुपये पंचायत विभाग द्वारा राशि का आबंटन भी किया गया था। लेकिन वेतन मे विलम्ब को देखते हुए जिला पंचायत अधिकारियों से बात की गई तो बताया गया कि अभी तक जिला पंचायत के खाते में राशि अप्राप्त है। इस कारण से दिसम्बर व जनवरी माह का वेतन धमधा व पाटन ब्लॉक को आबंटन नहीं किया जा रहा है।
इस वेतन विलंब के कारण जिले मे कार्यरत 6000 शिक्षाकर्मियों को आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते इस वेतन समस्या को शासन तक प्रमुखता से पहुंचाने के लिए नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रान्तीय प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व जिलाध्यक्ष दुर्ग संजीव मानिकपुरी ने 2 फरवरी को स्कूल समय के बाद दुर्ग जिला पंचायत के सामने चना बूट बेचकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। चना बूट बेचकर जो पैसे कमाए गए उसी पैसे से अधिकारियों को चाय भी पिलाया।
इस चाय चर्चा में 6000 शिक्षाकर्मियों को 5 फरवरी तारीख तक दिसम्बर व जनवरी माह का वेतन भुगतान करने का निवेदन किया। साथ ही साथ इस मामले में सावधान भी किया कि यदि 5 फरवरी तक दोनों माह का वेतन भुगतान नहीं होता है तो 7 फरवरी को जिला पंचायत का घेराव किया जायेगा।