नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिन राज्यों में चुनाव घोषित किए गए हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं। इन राज्यों में चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता यानी (Model Code of Conduct) भी लागू हो गई है। इसी के साथ चुनाव आयोग ने ऐसी तैयारी की है जिससे आगामी चुनावों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करना उम्मीदवारों के लिए आसान नहीं होगा। दरअसल चुनाव आयोग ने खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक ऐप की मदद से नियम तोड़ने वाले नेताओं पर नकेल कसने की तैयारी की है।
चुनाव आयोग ने जारी किया C-VIGIL ऐप
चुनाव आयोग ने C-VIGIL नाम का एक ऐप तैयार किया है, इसके जरिए लोग आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों या फिर पार्टी को रिपोर्ट कर सकते हैं। आयोग की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि आचार संहिता उल्लंघन की सूचना देरी से मिलने की वजह से कार्रवाई में देरी होती है और दोषी उम्मीदवार कई बार बचते आए हैं। इसके अलावा तस्वीरें या फिर वीडियो जैसे सबूतों की कमी की वजह से भी शिकायतों की पुष्टि करने में परेशानी होती है। चुनाव आयोग की प्रेस रिलीज में ये भी कहा गया है कि इस संबंध में ज्यादातर शिकायतें गलत या फिर फर्जी होती हैं।
आचार संहिता के उल्लंघन की कर सकते हैं शिकायत
चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने के लिए लोगों के एंड्रॉयड फोन में C-VIGIL ऐप विकसित किया है। इस ऐप की सहायता से कोई भी व्यक्ति कुछ ही समय में आचार संहिता के उल्लंघन की लाइव रिपोर्ट भेज सकता है। शिकायत करने वाले व्यक्ति को अपनी शिकायत के लिए एक नंबर दिया जाएगा जिससे वह अपने मामले की वर्तमान स्थिति को भी जान सकेगा। हालांकि अज्ञात शिकायतों के लिए कोई नंबर जारी नहीं किया जाएगा। एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर जिला नियंत्रण कक्ष में इसकी सूचना पहुंचेगी और फिर वहीं से आगे कार्रवाई के लिए सचल दस्ते को निर्देश दिया जाएगा। आयोग को उम्मीद है, इस ऐप से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और समर्थक आसानी से पकड़ में आ सकेंगे।
ये होगा असर
चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि C-VIGIL ऐप से आचार संहिता उल्लंघन को लेकर होने वाली शिकायतों में बड़ा अंतर आने की उम्मीद है, जिससे तेजी से शिकायत मंजूर कर उनका हल निकाला जा सके। कोई भी व्यक्ति इस ऐप का उपयोग कर मिनटों में आचार संहिता के उल्लंघन की सजीव रिपोर्ट भेज सकेगा। चुनाव आयोग ने कुछ ऐप उम्मीदवारों की सुविधा के लिए भी बनाए हैं। इनके जरिए जुलूस, वाहन, कैंप कार्यालय खोलने आदि के लिए मंजूरी भी ऑनलाइन मिल जाएगी यानी नेताओं को चुनाव अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।