रायपुर। पंचायत विभाग के संचालक तारण प्रकाश सिन्हा द्वारा पत्र जारी कर शिक्षाकर्मी संगठनों से उनकी मांगों के संबंध में सुझाव/प्रस्ताव हेतु दस्तावेज मांगे जाने के संबंध में शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कमेटी से संविलियन के मुद्दे को कमेटी द्वारा विचार किए जाने वाले मुद्दों में शामिल करने की मांग रखी है। संजय शर्मा का कहना है कि मध्यप्रदेश में वहां के सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा वहां के मुख्यमंत्री के द्वारा की जा चुकी है। और छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी भी अपने संविलियन की राह ताक रहे हैं। लेकिन शिक्षाकर्मियों की मांगों के संबंध में निर्णय लेने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है। उसके द्वारा विचार किए जाने वाले मुद्दों में संविलियन का मुद्दा शामिल ही नहीं है ऐसी स्थिति में फिर से एक बार शिक्षाकर्मियों को छले जाने की आशंका नजर आ रही है। इसलिए उनका कहना है कि तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संविलियन के मुद्दे को कमेटी अपने विचार किए जाने वाले मुद्दों की सूची में शामिल करें और शिक्षाकर्मी मोर्चा इससे संबंधित समस्त दस्तावेज कमेटी को उपलब्ध कराएगा। क्योंकि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा पूर्व में ही हो चुकी है। अतः छत्तीसगढ़ में भी इसका अनुसरण करते हुए यहां के समस्त शिक्षाकर्मियों का एक साथ मूल शिक्षा विभाग में सेवा हस्तांतरण किया जाना चाहिए और यही प्रदेश के 1-1 शिक्षाकर्मी और उनके परिजनों की मांग है।
6 फरवरी की बैठक में हुआ था शिक्षाकर्मी संगठनों से दस्तावेज मंगाने का फैसला
गौरतलब है कि 6 फरवरी को कमेटी की बैठक के बाद यह बात निकलकर सामने आई थी कि कमेटी के अध्यक्ष और वर्तमान में प्रदेश के मुख्य सचिव ने शिक्षाकर्मियों से उनके मांगों के संबंध में अभिलेखों सहित सुझाव मंगाए जाने की बात रखी थी उसके बाद भी किसी भी शिक्षाकर्मी संगठन के द्वारा कोई पहल नहीं की गई जिसे देखते हुए आज इसके लिए औपचारिक पत्र भी जारी किया गया है। जिसमें सभी संघो से सुझाव मांगा गया है इस पर सोशल मीडिया में भी शिक्षाकर्मियों की संविलियन की मांग को लेकर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। और अब मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने भी संविलियन की मांग को कमेटी के मुद्दों में शामिल करने की बात रख दी है अब देखना होगा कि मोर्चा द्वारा संविलियन, क्रमोन्नति, सातवां वेतनमान जैसे बड़े मुद्दों पर दस्तावेज समेत प्रस्ताव भेजने पर कमेटी क्या निर्णय लेती है।