रायपुर। दलित शब्दों का इस्तेमाल अब नहीं किया जा सकेगा। हालांकि ये आदेश काफी पहले से प्रभावी है। छत्तीसगढ सरकार ने दलित शब्द का उपयोग रोके जाने संबंधी आदेश जारी किया है। जीएडी ने परिपत्र जारी कर कहा है कि दलित शब्द के इस्तेमाल रोकने के लिए निर्देशों का पालन करें। दरअसल केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बड़े कदम के तहत सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को लिखित आदेश जारी कर कहा था कि अब सरकारी स्तर पर या कहीं भी दलित शब्द का प्रयोग नहीं किया जाए।
दरअसल केंद्रीय केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बड़े कदम के तहत सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को लिखित आदेश जारी कर कहा था कि अब सरकारी स्तर पर या कहीं भी दलित शब्द का प्रयोग नहीं किया जाए। बाद में इसी आदेश को मुंबई के हाईकोर्ट ने भी दिया था। मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा 21 जनवरी को दिए निर्णय के अनुसार सरकारी दस्तावेज और कई जगहों पर दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई थी। इस निर्णय के बाद किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के आगे उनकी जाति का नाम लिखा जाना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले 10 फरवरी 1982 को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में हरिजन शब्द पर रोक लगाई गई थी।