नई दिल्ली। केंद्र की सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज दर में 0.4 फीसद इजाफा कर इसे 8 फीसद कर दिया है। नई दरें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए लागू हो जाएंगी। नई दरें 1 अक्टूबर से लागू मानी जाएंगी। बता दें कि इससे पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीपीएफ पर ब्याज दर 7.6 फीसदी थी। यह लोक भविष्य निधि योजना में जमा धन पर देय ब्याज के ही बराबर है। जीपीएफ की नई दर केंद्रीय कर्मियों, रेलवे और डिफेंस कर्मचारियों के लिए लागू होगी।
जीपीएफ पर 8% की दर से ब्याज मिलेगा
आर्थिक मामलों के विभाग ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2018-2019 के दौरान सामान्य भविष्य निधि और अन्य समान फंड के ग्राहकों को 1 अक्टूबर 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक जमा पर 8% की दर से ब्याज मिलेगा। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बढ़ोतरी के बाद जीपीएफ की ब्याज दर बढ़ना तय थी। क्योंकि उस पर अन्य योजनाओं से कम ब्याज मिल रहा था।
नई दरें 1 अक्टूबर से लागू मानी जाएंगी
पिछले महीने सरकार ने घोषणा की थी कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए एनएससी और पीपीएफ सहित छोटी बचत पर ब्याज दर को 0.4 पर्सेंटेज पॉइंट के साथ बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले महीने पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि जैसी छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरें 0.40% तक बढ़ाई थीं। इस बढ़ोत्तरी के बाद सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.5% और पीपीएफ पर 8% हो गई।। एक साल, द्विवर्षीय और त्रिवर्षीय टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 30 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा किया गया है।
क्या होता है GPF
जीपीएफ खाता सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। इसमें जमा पैसा रिटायरमेंट के वक्त सरकारी कर्मचारी को मिल जाता है। इस पर टैक्स नहीं लगता। इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए कर्मचारी को अपनी सैलरी का एक हिस्सा जीपीएफ में जमा करना होता है। अगर कर्मचारी को लोन की जरूरत होती है तो इस खाते से लोन लिया जा सकता है। इस लोन पर कोई ब्याज नहीं लगता। कर्मचारी जितनी बार चाहे, इस अकाउंट से लोन ले सकता है। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी ये अकाउंट नहीं खुलवा सकते हैं।