Monday, November 19, 2018
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Breaking: राज्य सरकार द्वारा भोरमदेव अभ्यारण को टाइगर प्रोजेक्टर बनाने का निर्णय निरस्त: वन मंत्री महेश गागड़ा

Forest Minister Mahesh Gagra

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाइगर प्रोजेक्ट के निर्णय को राज्य सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री व कबीरधाम जिले के प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने आज बोडला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झलमला में आयोजित विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने वनांचल में रहने वाले लोगों के हितो और उनके विकास को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। अब भोरमदेव अभ्यारण के वन ग्राम तथा वनाचंल के किसी भी गांव को टाइगर प्रोजक्ट के नाम पर व्यवस्थापन नहीं किया जाएगा। उन्होने वनाचंल क्षेत्र के बैगा-आदिवासियों एवं अन्य ग्रामीणों से आग्रह करते हुए यह भी कहा कि भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाईगर प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है तथा भ्रम की स्थिति निर्मित की जा रही है ऐसे किसी भी बातों में ध्यान नहीं देना चाहिए। इस अवसर पर सांसद अभिषेक सिंह, कवर्धा विधायक अशोक साहू, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष डाॅ. सियाराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष पटेल, विजय शर्मा, राम कुमार भट्, विदेशी राम धुर्वे, सीताराम साहू गोपाल साहू, बोडला जनपद अध्यक्ष शांति धुर्वे, संतराम धुर्वे, कलेक्टर नीरज कुमार बनसोड़,पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह, जिला पंचायत सीईओ  कुंदन कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शहर से लेकर गावं और गांव से लेकर वनांचल में रहने वाले लोगों को विकास के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध और संकल्पित है। सरकार ने अपनी इन्ही प्रतिबद्वता को पूरा करने के लिए वनाचंल क्षेत्रों के वाले बैगा-आदिवासी सहित सभी के आर्थिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की रही है। वनाचंल में रहने वाले वनवासियों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए भी अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। आर्थिक रूप में मजबूत करने और सशक्त बनाने के लिए वनांचल में रहने वाले तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा ढाई हजार रूपए किया गया है,जो पहले बहुत ही कम था। उन्हे चरण पादुका निःशुल्क दिया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए बच्चों को शिक्षा के लिए ऋण भी दिया जा रहा है।छात्रवृत्ति भी देने का प्रावधान सरकार ने रखा है। उन्होने यह भी कहा कि सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। कबीरधाम जिले के सभी बैगा बाहूल्य गांवों और उनके आश्रित मजरे-टोले तक इस योजना के तहत बिजली पहुचाई जा रही है। सरकार ने वनाचल क्षेत्रों के युवाओं को बेहतर शिक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्राम पंचायत झलमला में महाविद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया गया है। इस क्षेत्र के सभी बैगा परिवारों को शतप्रतिशत प्रधानमंत्री आवास येाजना लाभ दिया जा रहा है। आवागन के लिए पक्की सडके चिल्फी से रेगाखार और साल्हेवारा तक निर्माण किया जा रहा है। उन्होने यह भी कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए तीन सौ करोड से अधिक की राशि की अनेक निर्माण कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।

सांसद अभिषेक सिंह ने भी यह कहा कि भोरमदेव अभ्यारण को टाइगर प्रोजेक्टर बनाने के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति नहीं देने का निर्णय लिया है, जो वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिए विकास के हित में लिया गया फैसला है। उन्होने यह भी कहा कि टाइगर प्रोजेक्ट के नाम पर वनांचल में रहने वाले लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।हमे इस तरह के भ्रम में नहीं आना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022 तक प्रत्येक गरीब परिवारों को इस येाजना का लाभ पहुंचाने और पक्का मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने कहा कि इस योजना से गांव की तस्वीर बदल रही है। उन्होने झलमला के वर्तमान सरपंच और पूर्व सरपंच को मंच पर बुलाकर विकास कार्यों की तुलना कराई गई,जिसमें वर्तमान सरंपच द्वारा झलमला में पीएम आवास के तहत 83 पक्का मकान बनाने की जानकारी दी गई,जबकि पूर्व सरपंप द्वारा इंदिरा आवास के तहत सिर्फ सात आवास बनाने की जानकारी दी गई। सांसद ने कहा कि यह विकास को प्रमाणित करता है। सांसद ने यह भी जानकारी दी की ग्राम झलमला में महाविद्यालय खोलने तैयारी चल रही ,इससे युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पडे़गा। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए ग्राम पंचायत बैजलपुर में 70 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाएगा। झलमला में ही एक करोड़ 20 लाख की लागत से हायर सेकेन्डरी स्कूल बनाने की भी स्वीकृति दी गई है। क्षेत्र के पुरानी मांग ग्राम घानीखुंटा से कन्हारी तक 6 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत से पक्की सड़क बनाने की स्वीकृति दी गई है। कुरमा से कोयलारझरी तक 8 करोड़ 88 लाख रूपए की लागत से पक्की सड़क की स्वीकृति मिली है। उन्होने कहा कि वनांचल के 15 से 20 गांवों के विकास के लिए जिला खनिज विकास एंव वन विभाग के कैंपा मद से 2 करोड़ 50 लाख रूपए की विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इन निर्माण कार्यों से वनांचल के ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर कवर्धा विधायक श्री अशोक साहू ने कहा कि चिल्फी से रेंगाखार -साल्हेवारा तक पक्की सड़कों निर्माण चल रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने दो सौ करोड़ रूपए खर्च कर 60 किलोमीटर पक्की सड़क बनाने का निर्णय लिया है। उन्होने ने कहा कि प्रस्तावित कुछ किलोमीटर वन क्षेत्र में आने और माननीय हाईकोर्ट में स्टे लगने के कारण कुछ किलोमीटर पक्की सड़क का काम रूक गया है। निर्णय आते ही निर्माण शुरू हो जाएगा।  प्रदेश सरकार के 15 साल के विकास के अनेक योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी उन्होने इस मंच के माध्यम से दी।

झलमला में आयोजित विकास सम्मेलन में मुख्य अतिथियों द्वारा श्रम,कृषि, पशुपालन एवं अन्य विभागों मे संचालित हितग्राहि मूलक योजनाओं के तहत समाग्रियों का वितरण किया। जिसमें सौ प्रतिशत ग्राम विद्युतीकरण के सरपंच संगीता धुर्वे को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इसी प्रकार ग्राम रोल एवं ग्राम सुपखार के श्रीमती सुधिया बाई, सर्वश्री राजेश, बीर सिंह, घसियाराम, मोहपत, मिलाप धुर्वे, सुरेश धुर्वे, दिलीप सिंह, कामता, मगन सिंह, जुग राम, सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन प्रमाण पत्र दिया गया। राजस्व विभाग द्वारा सूखा राहत के तहत चम्पा बाई, कोदिया, बृजलाल एवं भगवती चेक वितरण किया गया। काष्ठ कूपों से प्राप्त वनोपज का लाभांश का वितरण वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री हीरा सिंह धुर्वे, बुधन सिंह मेरावी, श्री फगनू सिंह मेरावी और रामेश्वर नेताम को चेक प्रदान किया। गंगू राम, जहर सिंह, बिसन सिंह, डुगूल सिंह और सुकल सिंह को कंबल प्रदान किया गया। कृषि विभाग द्वारा देवसिंह, धनीराम, लाल सिंह,आजूराम एवं घसिया को स्प्रेयर पंप प्रदान किया गया है। इसी प्रकार बिसराम और भगवती को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया गया। जिला अंत्यावसायी वित्त विकास विभाग द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना के तहत कु. सुमित्रा और रिखराम को एक-एक लाख रूपये और पिछड़ा वर्ग टर्म लोन योजना के तहत अयोध्या चंद्रवंशी को 3 लाख रूपये का चेक प्रदान किया। खाद्य विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत देवकी, सुनिता, कौशिल्या और कोपेबाई को गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा दिया गया। श्रम विभाग द्वारा पार्वती, अनीला बाई, पवनी तिलगाम, भुवनेश्वरी और जुमना नेताम को सायकल वितरण एवं बिन्दु धुर्वे, सोमकली एवं अमर सिंह को पंजीयन कार्ड वितरण तथा क्रेडा विभाग एवं सुजला योजना के तहत जगमोहन, रामजी, रामसुशील, लेखराम, सुक्कल और कार्तिक को सौर सोलर पैनल प्रदान किया गया। राष्ट्रीय परिवहार सहायता योजना के अंतर्गत सोनियारो, सुकरतीन, कुंती बाई और परनिया बाई को 20-20 हजार रूपये का चेक वितरण किया गया।

 

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