रायपुर। राजधानी रायपुर के जोरा में बुधवार से पांच दिवसीय ’राष्ट्रीय कृषि मेला 2018’ की शुरुआत हुई। कृषि मेले का विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने शुभारंभ किया। इस मेले की अध्यक्षता कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने की है। इस राष्ट्रीय कृषि मेले से प्रदेश के किसानों को नई तकनीक की जानकारी मिलेगी। प्रति बूंद-अधिक फसल की थीम पर आधारित ‘कृषि समृद्धि राष्ट्रीय कृषि मेला छत्तीसगढ़ 2018’ में हर दिन किसानों का समागम होगा। यह मेला 28 जनवरी तक चलेगा।
राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों को खेती-किसानी, बागवानी, पशुपालन और मछलीपालन के उन्नत तौर-तरीकों को जानने-समझने और सीखने का सुनहरा अवसर मिलेगा। किसानों के लिए मेले के दौरान हर दिन पाठशालाएं लगेंगी। पाठशालाओं के लिए पांच भव्य पंडाल विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। मेला प्रतिदिन 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक लगेगा।
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने राष्ट्रीय कृषि मेले की सराहना की। उन्होंने मेले में आए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से किसानों को खेती-किसानी के क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधानों और प्रयोगों के साथ-साथ नई कृषि तकनीक की जानकारी मिलती है। किसान ऐसे आयोजनों में पहुंचकर खेती-किसानी में नई सोच के साथ नये प्रयोग करने की प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को खेती-किसानी के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने किसानों को खेती-किसानी के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाना होगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज की जरूरत के अनुरूप देश-विदेश में खेती-किसानी के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों और नई तकनीक की जानकारी छत्तीसगढ़ के किसानों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि मेले का आयोजन शुरू हुआ है। खेती-किसानी का काम जोखिम भरा होता है। नई सोच के साथ नवाचार करने से किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को अब एकीकृत खेती का तरीका अपनाना होगा, जिसमें फल-फूलों की खेती के साथ-पशुपालन, मछलीपालन भी शामिल रहेगा।