रायपुर। राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं हैं। अस्पतालों में काम करने वाले अधिकांश वर्ग के लोग आंदोलन पर चले गए हैं। यहां तक कि आपतकालीन सेवाएं, संजीवनी 108 और महतारी 102 के कर्मचारी भी बीते 21 दिनों से लगातार आंदोलन पर हैं। बावजूद इसके सरकार और स्वास्थ्य विभाग मौन है।
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के सचिव प्रवीण डीडवंशी ने कहा कि उनकी मुख्य मांग है कि साल 2006 से जो वेतन विसंगतियां चली आ रही है, सरकार उसे दूर करे। उन्होंने कहा कि जो विभाग ने प्रस्तावित किया है उसे सरकार स्वीकृति प्रदान करे। उनकी कोई बहुत बड़ी मांगें नहीं हैं, केवल 4 छोटी छोटी मांगें हैं जो सरकार पूरी नहीं कर रही है।
संजीवनी 108 महतारी एक्सप्रेस 102 को आपतकालीन सेवा माना जाता है, लेकिन इनके कर्मचारी भी बीते 21 दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में लिपिकीय कार्य करने और विभिन्न शाखा में संविदा कर्मचारी और अनियमित कर्मचारी भी 21 दिनों से आंदोलन पर हैं।
इस बीच स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई है। क्योंकि मलेरिया, टीबी, एचआईवी, सिकलसेल समेत विभिन्न जांच करने वाले कर्मचारियों ने स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के बेनर तले आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रदेश में 15 हजार से अधिक कर्मचारी 5 हजार से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं।
गौरतलब है कि जब से छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ है, तब से लेकर आज तक स्वास्थ्य विभाग में अनेक कांड हुए हैं। इसमें गर्भाशय कांड और आंख फोड़वा कांड ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।